कांग्रेस ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का बलिदान दिवस मनाया

By: Dilip Kumar
3/26/2024 2:34:00 PM
अलीगढ़

कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। अलीगढ कांग्रेस नें जिला कार्यालय पर भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु नें देश के लिए दिए प्राण और बलिदान दिवस मनाया गया। इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष पूर्व प्रवक्ता वीरी सिंह बंजारा नें बलिदान दिवस पर उनकी कहीं बातें याद दिलाई। एक दिन पहले उन्होंने अपने पत्र में लिखा, स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, जिसे मैं छुपाना नहीं चाहता, लेकिन एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ कि मैं कैद या पाबंद होकर जीना नहीं चाहता। मेरा नाम हिंदुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों व कुर्बानियों ने मुझे ऊँचा उठा दिया, इतना ऊँचा कि जीवित रहने की स्थिति में इससे ऊँचा मैं हरगिज नहीं हो सकता। आज मेरी कमजोरियाँ जनता के सामने नहीं हैं।

अगर मैं फाँसी से बच गया तो वे जाहिर हो जाएँगी और क्रांति का प्रतीक चिह्न मद्धम पड़ जाएगा या संभवतः मिट ही जाए। लेकन दिलेराना ढंग से हँसते-हँसते मेरे फाँसी चढ़ने की सूरत में हिंदुस्तानी माताएँ अपने बच्चों के भगतसिंह बनने की आरजू किया करेंगी और देश के लिए कुर्बानी देने वालों की तादाद इतनी बढ़ जाएगी कि क्रांति को रोकना साम्राज्यवाद या तमाम शैतानी शक्तियों के बूते की बात नहीं रहेगी। हाँ, एक विचार आज भी मेरे मन में आता है कि देश और मानवता के लिए जो कुछ करने की हसरतें मेरे दिल में थीं, उनका हजारवाँ भाग भी पूरा नहीं कर सकता। अगर स्वतंत्र, जिंदा रह सकता, तब शायद उन्हें पूरा करने का अवसर मिलता और मैं अपनी हसरतें पूरी कर सकता। इसके सिवाय मेरे मन में कोई लालच फाँसी से बचने का नहीं आया। मुझसे अधिक भाग्यशाली कौन होगा ? आजकल मुझे स्वयं पर बहुत गर्व है। अब तो बड़ी बेताबी से अंतिम परीक्षा का इंतजार है। कामना है कि यह और नजदीक हो जाए।

रामगोपाल रैना व सागर सिंह तोमर संयुक्त बयान में कहा कि आज यानी 23 मार्च को भगत सिंह की पुण्यतिथि है बता दें कि 23 मार्च 1931 की शाम लाहौर जेल में सरदार भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई थी हालांकि भगत सिंह और उनके साथियों को 24 मार्च को फांसी दी जानी थी, लेकिन उन्हें निर्धारित समय से 11 घंटे पहले फांसी दे दी गई थी। इस मौके पर अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश महासचिव सागर सिंह तोमर,महानगर उपाध्यक्ष प्रदेश महासचिव रामगोपाल रैना, प्रमोद शर्मा, दिलीप शेखर, पुरुषोत्तम दास, नन्हे बाबू, मुन्ना लाल, विक्की चौहान, अनीता करोटिया, दीपक भारद्वाज, चौधरी किशन सिंह, छोटेलाल,आदि लोग उपस्थित रहे।


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