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मैरिको ने लॉन्च किया निहार नेचुरल्स शांति एलोवेरा आँवला हेयर ऑयल
जहाँगीरपुरी स्थित मुस्कान स्किल सेंटर में प्रमाण पत्र वितरण समारोह एवं नए कोर्स का शुभारंभ

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य सरल थेरेपी प्रदान करना है—बेहतर ग्लाइसेमिक कंट्रोल, वजन प्रबंधन और हृदय-किडनी सुरक्षा के लिए—उपयोगकर्ता-अनुकूल पेन से साप्ताहिक एक बार डोजिंग के माध्यम से। ये परिणाम नोवो नॉर्डिस्क की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मूल जीएलपी-1 आरए के रूप में, 20 वर्षों के अनुसंधान और 38 मिलियन से अधिक मरीज-वर्षों के डेटा के साथ विकसित ओजेम्पिक® ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारता है, मस्तिष्क मार्गों के माध्यम से भूख को नियंत्रित करता है, टी2डीएम में वजन प्रबंधन में सहायता करता है और डायबिटीज-संबंधी हृदय-किडनी जोखिमों को कम करता है। हाल ही में डब्ल्यूएचओ की एसेंशियल मेडिसिन्स मॉडल लिस्ट में शामिल, यह 0.25 एमजी, 0.5 एमजी और 1 एमजी डोज में चिकित्सक-निर्देशित टाइट्रेशन के लिए उपलब्ध है।

1923 में स्थापित और डेनमार्क में मुख्यालय वाली नोवो नॉर्डिस्क एक सदी से अधिक समय से डायबिटीज देखभाल का नेतृत्व कर रही है। 78,500 कर्मचारियों के साथ 80 देशों में और 170 बाजारों में उत्पादों के साथ, इसके 'बी' शेयर नास्डैक कोपेनहेगन (NOVO-B) पर लिस्टेड हैं और एडीआर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NVO) पर।

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डायबिटीज उपचार में नया विकल्प: ओजेम्पिक® भारत में लॉन्च

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य सरल थेरेपी प्रदान करना है—बेहतर ग्लाइसेमिक कंट्रोल, वजन प्रबंधन और हृदय-किडनी सुरक्षा के लिए—उपयोगकर्ता-अनुकूल पेन से साप्ताहिक एक बार डोजिंग के माध्यम से। ये परिणाम नोवो नॉर्डिस्क की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मूल जीएलपी-1 आरए के रूप में, 20 वर्षों के अनुसंधान और 38 मिलियन से अधिक मरीज-वर्षों के डेटा के साथ विकसित ओजेम्पिक® ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारता है, मस्तिष्क मार्गों के माध्यम से भूख को नियंत्रित करता है, टी2डीएम में वजन प्रबंधन में सहायता करता है और डायबिटीज-संबंधी हृदय-किडनी जोखिमों को कम करता है। हाल ही में डब्ल्यूएचओ की एसेंशियल मेडिसिन्स मॉडल लिस्ट में शामिल, यह 0.25 एमजी, 0.5 एमजी और 1 एमजी डोज में चिकित्सक-निर्देशित टाइट्रेशन के लिए उपलब्ध है।

1923 में स्थापित और डेनमार्क में मुख्यालय वाली नोवो नॉर्डिस्क एक सदी से अधिक समय से डायबिटीज देखभाल का नेतृत्व कर रही है। 78,500 कर्मचारियों के साथ 80 देशों में और 170 बाजारों में उत्पादों के साथ, इसके 'बी' शेयर नास्डैक कोपेनहेगन (NOVO-B) पर लिस्टेड हैं और एडीआर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NVO) पर।

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उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य सरल थेरेपी प्रदान करना है—बेहतर ग्लाइसेमिक कंट्रोल, वजन प्रबंधन और हृदय-किडनी सुरक्षा के लिए—उपयोगकर्ता-अनुकूल पेन से साप्ताहिक एक बार डोजिंग के माध्यम से। ये परिणाम नोवो नॉर्डिस्क की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मूल जीएलपी-1 आरए के रूप में, 20 वर्षों के अनुसंधान और 38 मिलियन से अधिक मरीज-वर्षों के डेटा के साथ विकसित ओजेम्पिक® ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारता है, मस्तिष्क मार्गों के माध्यम से भूख को नियंत्रित करता है, टी2डीएम में वजन प्रबंधन में सहायता करता है और डायबिटीज-संबंधी हृदय-किडनी जोखिमों को कम करता है। हाल ही में डब्ल्यूएचओ की एसेंशियल मेडिसिन्स मॉडल लिस्ट में शामिल, यह 0.25 एमजी, 0.5 एमजी और 1 एमजी डोज में चिकित्सक-निर्देशित टाइट्रेशन के लिए उपलब्ध है।

1923 में स्थापित और डेनमार्क में मुख्यालय वाली नोवो नॉर्डिस्क एक सदी से अधिक समय से डायबिटीज देखभाल का नेतृत्व कर रही है। 78,500 कर्मचारियों के साथ 80 देशों में और 170 बाजारों में उत्पादों के साथ, इसके 'बी' शेयर नास्डैक कोपेनहेगन (NOVO-B) पर लिस्टेड हैं और एडीआर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NVO) पर।

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भारत में ओजेम्पिक® लॉन्च: टाइप 2 डायबिटीज उपचार में गेम-चेंजर थेरेपी

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य सरल थेरेपी प्रदान करना है—बेहतर ग्लाइसेमिक कंट्रोल, वजन प्रबंधन और हृदय-किडनी सुरक्षा के लिए—उपयोगकर्ता-अनुकूल पेन से साप्ताहिक एक बार डोजिंग के माध्यम से। ये परिणाम नोवो नॉर्डिस्क की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मूल जीएलपी-1 आरए के रूप में, 20 वर्षों के अनुसंधान और 38 मिलियन से अधिक मरीज-वर्षों के डेटा के साथ विकसित ओजेम्पिक® ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधारता है, मस्तिष्क मार्गों के माध्यम से भूख को नियंत्रित करता है, टी2डीएम में वजन प्रबंधन में सहायता करता है और डायबिटीज-संबंधी हृदय-किडनी जोखिमों को कम करता है। हाल ही में डब्ल्यूएचओ की एसेंशियल मेडिसिन्स मॉडल लिस्ट में शामिल, यह 0.25 एमजी, 0.5 एमजी और 1 एमजी डोज में चिकित्सक-निर्देशित टाइट्रेशन के लिए उपलब्ध है।

1923 में स्थापित और डेनमार्क में मुख्यालय वाली नोवो नॉर्डिस्क एक सदी से अधिक समय से डायबिटीज देखभाल का नेतृत्व कर रही है। 78,500 कर्मचारियों के साथ 80 देशों में और 170 बाजारों में उत्पादों के साथ, इसके 'बी' शेयर नास्डैक कोपेनहेगन (NOVO-B) पर लिस्टेड हैं और एडीआर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NVO) पर।

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कार्यक्रम में ओम शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशका बीके आशा, अफ्रीका के देशों की क्षेत्रीय समन्वयक राजयोगिनी बीके वेदांती, माउंट आबू से महासचिव राजयोगी बीके करुणा, ओआरसी निदेशिका राजयोगिनी बीके शुक्ला, संस्थान के महिला विंग की अध्यक्षा राजयोगिनी बी के चक्रधारी, ज्यूरिस्ट विंग की अध्यक्षा राजयोगिनी बीके पुष्पा ने उप राष्ट्रपति का अभिनन्दन किया। उप राष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ करने के उपरांत अपने संबोधन में कहा कि ध्यान आत्मा, मन और शरीर को गहन शांति प्रदान करता है। ध्यान की अवस्था में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं और आंतरिक ऊर्जा का संचार होता है। इसी ध्यान की अनुभूति के बीच, समाज के विभिन्न क्षेत्रों—एविएशन, चिकित्सा, विज्ञान, प्रशासन, सामाजिक सेवा और राजनीति से आए हुए व्यक्तित्वों से परिचय हुआ, जो इस बात का प्रमाण है कि ध्यान और आध्यात्मिक शांति हर मनुष्य की आवश्यकता है।

उप राष्ट्रपति ने कहा कि धर्म का पालन शांति और विजय दोनों देता है। मन को जीतना ही सफलता का प्रथम सूत्र है—यही गीता का संदेश है। जब तक हम भीतर सकारात्मकता, विनम्रता और सेवा-भाव नहीं अपनाते, तब तक मन की शांति संभव नहीं। तमिल परंपरा के महान कवि तिरुवल्लुवर ने कहा है—मन में लाखों विचार आते हैं, पर जीवन का अगला क्षण भी निश्चित नहीं। अतः चिंता नहीं, बल्कि सद्कर्म, सद्भाव और समाज-सेवा ही मनुष्य को सच्ची शांति प्रदान करते हैं। उन्होंने मानव हित में संस्थान द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना भी की।

उप राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विश्व के अनेक देशों को निःशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराना भारत की “वसुधैव कुटुम्बकम” की सनातन भावना का श्रेष्ठ उदाहरण है। खुद के लिए जीते हुए भी सबके लिए जीने की यही मानवीय सोच भारत को वैश्विक शांति, करुणा और मानवता का मार्गदर्शक बनाती है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में सदैव केवल अपने ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व के कल्याण का संदेश निहित है। उप राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि आध्यात्मिकता हमारी सबसे बड़ी शक्ति है—यह प्रत्येक मनुष्य के भीतर विद्यमान होती है, बस आवश्यकता है उसे पहचानकर जीवन में उतारने की।

जीवन का सार समझने की शक्ति है आध्यात्मिकता : राव नरबीर सिंह

हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि मनुष्य के जीवन में पारस्परिक द्वेष का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। यदि हम एक-दूसरे के प्रति सद्भाव बनाए रखें, तो जीवन स्वाभाविक रूप से सहज, सुंदर और संतुलित बन जाता है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता का अर्थ किसी धर्म विशेष से जुड़ना नहीं, बल्कि जीवन के सार को समझना है। जब व्यक्ति आध्यात्मिक दृष्टि विकसित करता है, तो उसके विचार, व्यवहार और दुनिया को देखने का नजरिया बदल जाता है। मन में सकारात्मकता बढ़ती है और हर परिस्थिति तथा हर व्यक्ति में अच्छाई दिखाई देने लगती है, जिससे भीतर नई ऊर्जा का संचार होता है। राव ने कहा कि जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने, सही निर्णय लेने और सच्चे अर्थों में विजय प्राप्त करने के लिए आध्यात्मिक शिक्षाएं मार्गदर्शन और गहरी समझ प्रदान करती हैं। संस्थान के महासचिव राजयोगी बीके करुणा ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान विश्व में महिलाओं द्वारा संचालित एकमात्र आध्यात्मिक संगठन है। जिसने बहुत कम समय में विश्व के 110 से भी अधिक देशों में हजारों सेवाकेंद्र खोले हैं। संस्थान राजयोग के माध्यम से विश्व परिवर्तन का कार्य कर रहा है।

ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने कहा कि युग परिवर्तक केवल एक परमात्मा ही है। परमात्मा हमें ज्ञान का तीसरा नेत्र देते हैं। उन्होंने कहा कि देह का अभिमान ही बुराइयों की मूल वजह है। इसलिए परमात्मा हमें आत्मा का ज्ञान देते हैं। व्यावहारिक शुद्धि ही परिवर्तन का आधार है। उन्होंने रजत रश्मियां थीम के अंतर्गत वर्षभर होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। उनमें से मेरा घर स्वर्ग अभियान प्रमुख है। संस्थान के अफ्रीका महाद्वीप की क्षेत्रीय संयोजिका राजयोगिनी वेदांती दीदी ने सबको राजयोग के अभ्यास से गहन शांति की अनुभूति कराई। अहमदाबाद से राजयोग शिक्षिका डॉ. दामिनी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में विशेष रूप ओआरसी के सदस्यों द्वारा बहुत सामूहिक नृत्य प्रस्तुत हुआ। केंद्र की राजयोग शिक्षिका बीके हुसैन ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में संस्थान के अनेक सदस्यों सहित 4000 से भी अधिक लोगों ने शिरकत की।

यह रहे मौजूद

इस अवसर पर उप राष्ट्रपति के सेक्रेटरी अमित खरे, डीसी अजय कुमार, जॉइंट सीपी संगीता कालिया , डीसीपी ट्रैफिक राजेश मोहन, एसडीएम दिनेश लुहाच सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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समृद्ध आध्यात्मिक परंपराएं भारत को बना रही है विश्व गुरु : उपराष्ट्रपति 

कार्यक्रम में ओम शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशका बीके आशा, अफ्रीका के देशों की क्षेत्रीय समन्वयक राजयोगिनी बीके वेदांती, माउंट आबू से महासचिव राजयोगी बीके करुणा, ओआरसी निदेशिका राजयोगिनी बीके शुक्ला, संस्थान के महिला विंग की अध्यक्षा राजयोगिनी बी के चक्रधारी, ज्यूरिस्ट विंग की अध्यक्षा राजयोगिनी बीके पुष्पा ने उप राष्ट्रपति का अभिनन्दन किया। उप राष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ करने के उपरांत अपने संबोधन में कहा कि ध्यान आत्मा, मन और शरीर को गहन शांति प्रदान करता है। ध्यान की अवस्था में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं और आंतरिक ऊर्जा का संचार होता है। इसी ध्यान की अनुभूति के बीच, समाज के विभिन्न क्षेत्रों—एविएशन, चिकित्सा, विज्ञान, प्रशासन, सामाजिक सेवा और राजनीति से आए हुए व्यक्तित्वों से परिचय हुआ, जो इस बात का प्रमाण है कि ध्यान और आध्यात्मिक शांति हर मनुष्य की आवश्यकता है।

उप राष्ट्रपति ने कहा कि धर्म का पालन शांति और विजय दोनों देता है। मन को जीतना ही सफलता का प्रथम सूत्र है—यही गीता का संदेश है। जब तक हम भीतर सकारात्मकता, विनम्रता और सेवा-भाव नहीं अपनाते, तब तक मन की शांति संभव नहीं। तमिल परंपरा के महान कवि तिरुवल्लुवर ने कहा है—मन में लाखों विचार आते हैं, पर जीवन का अगला क्षण भी निश्चित नहीं। अतः चिंता नहीं, बल्कि सद्कर्म, सद्भाव और समाज-सेवा ही मनुष्य को सच्ची शांति प्रदान करते हैं। उन्होंने मानव हित में संस्थान द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना भी की।

उप राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विश्व के अनेक देशों को निःशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराना भारत की “वसुधैव कुटुम्बकम” की सनातन भावना का श्रेष्ठ उदाहरण है। खुद के लिए जीते हुए भी सबके लिए जीने की यही मानवीय सोच भारत को वैश्विक शांति, करुणा और मानवता का मार्गदर्शक बनाती है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में सदैव केवल अपने ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व के कल्याण का संदेश निहित है। उप राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि आध्यात्मिकता हमारी सबसे बड़ी शक्ति है—यह प्रत्येक मनुष्य के भीतर विद्यमान होती है, बस आवश्यकता है उसे पहचानकर जीवन में उतारने की।

जीवन का सार समझने की शक्ति है आध्यात्मिकता : राव नरबीर सिंह

हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि मनुष्य के जीवन में पारस्परिक द्वेष का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। यदि हम एक-दूसरे के प्रति सद्भाव बनाए रखें, तो जीवन स्वाभाविक रूप से सहज, सुंदर और संतुलित बन जाता है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता का अर्थ किसी धर्म विशेष से जुड़ना नहीं, बल्कि जीवन के सार को समझना है। जब व्यक्ति आध्यात्मिक दृष्टि विकसित करता है, तो उसके विचार, व्यवहार और दुनिया को देखने का नजरिया बदल जाता है। मन में सकारात्मकता बढ़ती है और हर परिस्थिति तथा हर व्यक्ति में अच्छाई दिखाई देने लगती है, जिससे भीतर नई ऊर्जा का संचार होता है। राव ने कहा कि जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने, सही निर्णय लेने और सच्चे अर्थों में विजय प्राप्त करने के लिए आध्यात्मिक शिक्षाएं मार्गदर्शन और गहरी समझ प्रदान करती हैं। संस्थान के महासचिव राजयोगी बीके करुणा ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान विश्व में महिलाओं द्वारा संचालित एकमात्र आध्यात्मिक संगठन है। जिसने बहुत कम समय में विश्व के 110 से भी अधिक देशों में हजारों सेवाकेंद्र खोले हैं। संस्थान राजयोग के माध्यम से विश्व परिवर्तन का कार्य कर रहा है।

ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने कहा कि युग परिवर्तक केवल एक परमात्मा ही है। परमात्मा हमें ज्ञान का तीसरा नेत्र देते हैं। उन्होंने कहा कि देह का अभिमान ही बुराइयों की मूल वजह है। इसलिए परमात्मा हमें आत्मा का ज्ञान देते हैं। व्यावहारिक शुद्धि ही परिवर्तन का आधार है। उन्होंने रजत रश्मियां थीम के अंतर्गत वर्षभर होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। उनमें से मेरा घर स्वर्ग अभियान प्रमुख है। संस्थान के अफ्रीका महाद्वीप की क्षेत्रीय संयोजिका राजयोगिनी वेदांती दीदी ने सबको राजयोग के अभ्यास से गहन शांति की अनुभूति कराई। अहमदाबाद से राजयोग शिक्षिका डॉ. दामिनी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में विशेष रूप ओआरसी के सदस्यों द्वारा बहुत सामूहिक नृत्य प्रस्तुत हुआ। केंद्र की राजयोग शिक्षिका बीके हुसैन ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में संस्थान के अनेक सदस्यों सहित 4000 से भी अधिक लोगों ने शिरकत की।

यह रहे मौजूद

इस अवसर पर उप राष्ट्रपति के सेक्रेटरी अमित खरे, डीसी अजय कुमार, जॉइंट सीपी संगीता कालिया , डीसीपी ट्रैफिक राजेश मोहन, एसडीएम दिनेश लुहाच सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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मंदिरों के सरकारी अधिग्रहण, धर्मांतरण और बढ़ती मजहबी कट्टरता पर चिंतन, 300 संत जुटे
कवियों ने बिखेरे भारत के बहुरंग, बहुभाषी कविता के संग

उक्त प्रदर्शन में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष आर्यन मान एवं सचिव कुणाल चौधरी सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल रहे।

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दिल्ली विश्वविद्यालय परीक्षा अव्यवस्था के खिलाफ अभाविप का प्रदर्शन

उक्त प्रदर्शन में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष आर्यन मान एवं सचिव कुणाल चौधरी सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल रहे।

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मोहन यादव महत्वपूर्ण मामलों में किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए ज्यादा सोच विचार नहीं करते। वे जनहित से जुड़े हर मामले में त्वरित निर्णय करते हैं और उनके निर्णय हमेशा सही साबित होते हैं। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी उनकी इस कार्यशैली का कायल हो चुका है। अपनी इस विशिष्ट कार्य शैली के संकेत मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के चंद दिनों के अंदर दे ही दिए थे और पिछले दो वर्षों के दौरान उनकी सरकार द्वारा लिए गए अनेक फैसलों से उनकी इस विशिष्ट कार्यशैली के प्रमाण भी मिल चुके हैं। यूं तो मात्र दो वर्षों में ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी झोली में जो शानदार उपलब्धियां संग्रहीत कर ली हैं उन पर गर्व करने का उन्हें पूरा हक है परन्तु उन्होंने तो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही अपने लिए मध्यप्रदेश को देश के विकास राज्यों की कतार में अग्रणी स्थान का हकदार बनाने का दृढ़ संकल्प ले लिया था जिसकी पूर्ति के लिए वे इतने प्राणपण से जुटे हुए हैं कि उन्हें मील के पत्थर गिनने की फुर्सत नहीं है। मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव के दो वर्षों के शानदार सफर पर मशहूर शायर बशीर बद्र का यह शेर पूरी तरह चरितार्थ होता है -

जिस दिन से चला हूं , मेरी मंजिल पे नज़र है।
इन आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा।

मुख्यमंत्री मोहन यादव की सहृदयता, संवेदनशीलता और सादगी ने प्रदेश की जनता का दिल जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आम आदमी को उनमें अपनी छवि दिखाई देती है।हरदिल अज़ीज़ मुख्यमंत्री ने अपने चारों ओर कभी ऐसा घेरा निर्मित नहीं होने दिया जिसमें आम आदमी का प्रवेश संभव न हो सके। पिछले दो वर्षों में ऐसे अनेक अवसर आए हैं जब मुख्यमंत्री मोहन यादव की अतिशय सादगी और सहज- सरल व्यवहार से आम जन को अभिभूत किया है। अपने प्रवास के दौरान कभी उन्होंने चाय की दुकान पर रुक कर चाय बना दी और कभी साधारण सी होटल में समोसे बना कर उपस्थित ग्राहकों को चकित कर दिया। पार्टी के छोटे से छोटे कार्यकर्ता के साथ भी वे जब आत्मीयता से मिलते हैं तो वह अभिभूत हुए बिना नहीं रहता। उनकी सादगी की ताज़ा मिसाल हाल में महाकाल की नगरी उज्जैन में पुण्य सलिला क्षिप्रा के तट पर आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में देखने को मिली थी जब उन्होंने अत्यंत सादगी से अपने चिकित्सक बेटे का विवाह संस्कार संपन्न करा कर समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री प्रदेश में जब किसी भी क्षेत्र के दौरे पर जाते हैं तो साधारण से साधारण व्यक्ति भी उनके नजदीक पहुंच कर अपने मन की बात कह सकता है। वे मुस्कुरा कर हर व्यक्ति का अभिवादन स्वीकार करते हैं और लोगों की तकलीफों को दूर करने के लिए मौके पर ही अधिकारियों को निर्देशित भी करते हैं। वे इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं कि निश्चित समय सीमा के अंदर उनके निर्देशों के अनुपालन में कहीं कोई कोताही न हो। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पिछले दो वर्षों में कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने वाले बड़े से बड़े अधिकारियों के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई करने में कोई संकोच नहीं किया है। उनके लिए जनता जनार्दन सर्वोपरि है।आम आदमी की तकलीफें उन्हें द्रवित कर देती हैं इसीलिए पिछले दो वर्षों से वे मध्यप्रदेश के नक्शे को खुशी के रंगों से सजाने में तन्मयतापूर्वक जुटे हुए हैं।

(लेखक राजनैतिक विश्लेषक है और ये उनके निजी विचार है)

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कृष्णमोहन झा का कॉलम : मोहन यादव ने मिटा दी है आमजन से सत्ता की दूरी

मोहन यादव महत्वपूर्ण मामलों में किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए ज्यादा सोच विचार नहीं करते। वे जनहित से जुड़े हर मामले में त्वरित निर्णय करते हैं और उनके निर्णय हमेशा सही साबित होते हैं। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी उनकी इस कार्यशैली का कायल हो चुका है। अपनी इस विशिष्ट कार्य शैली के संकेत मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के चंद दिनों के अंदर दे ही दिए थे और पिछले दो वर्षों के दौरान उनकी सरकार द्वारा लिए गए अनेक फैसलों से उनकी इस विशिष्ट कार्यशैली के प्रमाण भी मिल चुके हैं। यूं तो मात्र दो वर्षों में ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी झोली में जो शानदार उपलब्धियां संग्रहीत कर ली हैं उन पर गर्व करने का उन्हें पूरा हक है परन्तु उन्होंने तो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही अपने लिए मध्यप्रदेश को देश के विकास राज्यों की कतार में अग्रणी स्थान का हकदार बनाने का दृढ़ संकल्प ले लिया था जिसकी पूर्ति के लिए वे इतने प्राणपण से जुटे हुए हैं कि उन्हें मील के पत्थर गिनने की फुर्सत नहीं है। मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव के दो वर्षों के शानदार सफर पर मशहूर शायर बशीर बद्र का यह शेर पूरी तरह चरितार्थ होता है -

जिस दिन से चला हूं , मेरी मंजिल पे नज़र है।
इन आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा।

मुख्यमंत्री मोहन यादव की सहृदयता, संवेदनशीलता और सादगी ने प्रदेश की जनता का दिल जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आम आदमी को उनमें अपनी छवि दिखाई देती है।हरदिल अज़ीज़ मुख्यमंत्री ने अपने चारों ओर कभी ऐसा घेरा निर्मित नहीं होने दिया जिसमें आम आदमी का प्रवेश संभव न हो सके। पिछले दो वर्षों में ऐसे अनेक अवसर आए हैं जब मुख्यमंत्री मोहन यादव की अतिशय सादगी और सहज- सरल व्यवहार से आम जन को अभिभूत किया है। अपने प्रवास के दौरान कभी उन्होंने चाय की दुकान पर रुक कर चाय बना दी और कभी साधारण सी होटल में समोसे बना कर उपस्थित ग्राहकों को चकित कर दिया। पार्टी के छोटे से छोटे कार्यकर्ता के साथ भी वे जब आत्मीयता से मिलते हैं तो वह अभिभूत हुए बिना नहीं रहता। उनकी सादगी की ताज़ा मिसाल हाल में महाकाल की नगरी उज्जैन में पुण्य सलिला क्षिप्रा के तट पर आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में देखने को मिली थी जब उन्होंने अत्यंत सादगी से अपने चिकित्सक बेटे का विवाह संस्कार संपन्न करा कर समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री प्रदेश में जब किसी भी क्षेत्र के दौरे पर जाते हैं तो साधारण से साधारण व्यक्ति भी उनके नजदीक पहुंच कर अपने मन की बात कह सकता है। वे मुस्कुरा कर हर व्यक्ति का अभिवादन स्वीकार करते हैं और लोगों की तकलीफों को दूर करने के लिए मौके पर ही अधिकारियों को निर्देशित भी करते हैं। वे इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं कि निश्चित समय सीमा के अंदर उनके निर्देशों के अनुपालन में कहीं कोई कोताही न हो। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पिछले दो वर्षों में कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने वाले बड़े से बड़े अधिकारियों के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई करने में कोई संकोच नहीं किया है। उनके लिए जनता जनार्दन सर्वोपरि है।आम आदमी की तकलीफें उन्हें द्रवित कर देती हैं इसीलिए पिछले दो वर्षों से वे मध्यप्रदेश के नक्शे को खुशी के रंगों से सजाने में तन्मयतापूर्वक जुटे हुए हैं।

(लेखक राजनैतिक विश्लेषक है और ये उनके निजी विचार है)

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विश्व को शांति का मार्ग केवल भारत दिखा सकता है : भरतर्षभ दास

पीआर 24x7 की मैनेजिंग पार्टनर तेजस्विनी गुलाटी ने कहा, "किसी कंपनी की स्थिरता का आधार उसकी टीम और बेहतर काम की उसकी निरंतरता है। पीआर 24x7 ने वर्षों में यह सिद्ध किया है कि चाहे चुनौती कितनी भी बड़ी क्यों न हो, संगठित दृष्टिकोण और मेहनत हमेशा रंग लाती हैं। स्थापना दिवस पर मिला यह उत्साह हमारी एकजुटता को और मजबूत करता है। आने वाले समय में भी हम अपने क्लाइंट्स को सिर्फ सर्विस देने से परे, हर कदम पर उनके साथ खड़े रहेंगे और उन्हें एक उत्कृष्ट ब्रांड बनने में सहयोग करते रहेंगे।" इस सम्मान के पीछे सिर्फ आँकड़ें या प्रदर्शन ही कारक नहीं थे, बल्कि वह ईमानदारी, समर्पण और कठिन परिस्थितियों में भी मुस्कुराते हुए आगे बढ़ने की भावना थी, जो पीआर 24x7 की असली पहचान है। कार्यक्रम के दौरान, सभी सदस्यों ने स्थानीय रेस्तरां में आयोजित सामूहिक भोज में शामिल होकर इस खुशी को और भी यादगार बनाया। पीआर 24x7 की सबसे बड़ी पूँजी के रूप में, एक परिवार जैसी एकजुटता, क्लाइंट्स और मीडिया को सबसे ऊपर रखकर आगे बढ़ने का संकल्प सभी टीम मेंबर्स ने एक साथ लिया।

गौरतलब है कि यह कंपनी अपने गौरवशाली सफर में सैकड़ों प्रतिष्ठित क्लाइंट्स के साथ काम कर चुकी है। एंटरटेनमेंट, एफएमसीजी, लाइफस्टाइल, टेक्नोलॉजी, हेल्थ, नॉन-प्रॉफिट और कॉर्पोरेट क्षेत्रों में पीआर 24×7 ने विश्वसनीयता और परिणाम दोनों स्थापित किए हैं। आज पीआर 24x7 देशभर में अपनी मजबूत उपस्थिति और सुदृढ़ नेटवर्क के साथ, रीजनल पीआर के क्षेत्र में अग्रणी के रूप में पहचान रखता है। देश के 20 से अधिक राज्यों में सक्रिय यह संस्थान- 1500 से अधिक कीवर्ड्स की मॉनिटरिंग, 650 से अधिक अखबारों और 50 से अधिक पत्रिकाओं को प्रतिदिन ट्रैक करके कॉन्टेंट, मीडिया और कम्युनिकेशन क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता को हर दिन साबित करता है। क्लाइंट सर्विसिंग हो, क्राइसिस मैनेजमेंट, डिजिटल पीआर हो या फिर कॉन्टेंट क्रिएशन, हर सर्विस में पीआर 24x7 की विशेषता है तेज़ी, सटीकता और ज़मीन से जुड़े रहकर काम करने की क्षमता।

लंबे समय के अनुभव और मजबूत मीडिया नेटवर्क के साथ पीआर 24x7 सिर्फ एक कंपनी ही नहीं, बल्कि एक कम्युनिकेशन पार्टनर है, एक ऐसा पार्टनर जिस पर इंडस्ट्री का भरोसा आज भी उतना ही अटूट है, जितना कि स्थापना के शुरुआती वर्षों में था। सम्मान, प्रेरणा, एकजुटता और नई ऊर्जा से भरे इस दिन ने स्पष्ट संदेश दिया- पीआर 24x7 सिर्फ ठहरने नहीं, बल्कि बेहतर तकनीक, उकृष्ट टीम और क्लाइंट्स तथा मीडिया के विश्वास के तीन स्तंभों पर अपना सुनहरा भविष्य गढ़ने को हमेशा तत्पर है।

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PR 24x7 स्थापना दिवस : “मेहनत और लगन का सम्मान और कमियों को दूर करने का संकल्प”

पीआर 24x7 की मैनेजिंग पार्टनर तेजस्विनी गुलाटी ने कहा, "किसी कंपनी की स्थिरता का आधार उसकी टीम और बेहतर काम की उसकी निरंतरता है। पीआर 24x7 ने वर्षों में यह सिद्ध किया है कि चाहे चुनौती कितनी भी बड़ी क्यों न हो, संगठित दृष्टिकोण और मेहनत हमेशा रंग लाती हैं। स्थापना दिवस पर मिला यह उत्साह हमारी एकजुटता को और मजबूत करता है। आने वाले समय में भी हम अपने क्लाइंट्स को सिर्फ सर्विस देने से परे, हर कदम पर उनके साथ खड़े रहेंगे और उन्हें एक उत्कृष्ट ब्रांड बनने में सहयोग करते रहेंगे।" इस सम्मान के पीछे सिर्फ आँकड़ें या प्रदर्शन ही कारक नहीं थे, बल्कि वह ईमानदारी, समर्पण और कठिन परिस्थितियों में भी मुस्कुराते हुए आगे बढ़ने की भावना थी, जो पीआर 24x7 की असली पहचान है। कार्यक्रम के दौरान, सभी सदस्यों ने स्थानीय रेस्तरां में आयोजित सामूहिक भोज में शामिल होकर इस खुशी को और भी यादगार बनाया। पीआर 24x7 की सबसे बड़ी पूँजी के रूप में, एक परिवार जैसी एकजुटता, क्लाइंट्स और मीडिया को सबसे ऊपर रखकर आगे बढ़ने का संकल्प सभी टीम मेंबर्स ने एक साथ लिया।

गौरतलब है कि यह कंपनी अपने गौरवशाली सफर में सैकड़ों प्रतिष्ठित क्लाइंट्स के साथ काम कर चुकी है। एंटरटेनमेंट, एफएमसीजी, लाइफस्टाइल, टेक्नोलॉजी, हेल्थ, नॉन-प्रॉफिट और कॉर्पोरेट क्षेत्रों में पीआर 24×7 ने विश्वसनीयता और परिणाम दोनों स्थापित किए हैं। आज पीआर 24x7 देशभर में अपनी मजबूत उपस्थिति और सुदृढ़ नेटवर्क के साथ, रीजनल पीआर के क्षेत्र में अग्रणी के रूप में पहचान रखता है। देश के 20 से अधिक राज्यों में सक्रिय यह संस्थान- 1500 से अधिक कीवर्ड्स की मॉनिटरिंग, 650 से अधिक अखबारों और 50 से अधिक पत्रिकाओं को प्रतिदिन ट्रैक करके कॉन्टेंट, मीडिया और कम्युनिकेशन क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता को हर दिन साबित करता है। क्लाइंट सर्विसिंग हो, क्राइसिस मैनेजमेंट, डिजिटल पीआर हो या फिर कॉन्टेंट क्रिएशन, हर सर्विस में पीआर 24x7 की विशेषता है तेज़ी, सटीकता और ज़मीन से जुड़े रहकर काम करने की क्षमता।

लंबे समय के अनुभव और मजबूत मीडिया नेटवर्क के साथ पीआर 24x7 सिर्फ एक कंपनी ही नहीं, बल्कि एक कम्युनिकेशन पार्टनर है, एक ऐसा पार्टनर जिस पर इंडस्ट्री का भरोसा आज भी उतना ही अटूट है, जितना कि स्थापना के शुरुआती वर्षों में था। सम्मान, प्रेरणा, एकजुटता और नई ऊर्जा से भरे इस दिन ने स्पष्ट संदेश दिया- पीआर 24x7 सिर्फ ठहरने नहीं, बल्कि बेहतर तकनीक, उकृष्ट टीम और क्लाइंट्स तथा मीडिया के विश्वास के तीन स्तंभों पर अपना सुनहरा भविष्य गढ़ने को हमेशा तत्पर है।

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इस कैंपेन के बारे में बताते हुए स्मृति मंधाना ने कहा, “मेरे लिए बोल्ड होने का मतलब हमेशा सही समय पर आगे बढ़ने से रहा है फिर चाहे वह मैदान में हो या उससे बाहर। क्रिकेट ने मुझे यह सिखाया है कि शुरुआत खुद पर विश्वास करने से ही होती है। ‘मैं नहीं तो कौन बे’ चुनौतियों का सामना करने, अपनी इंस्टिंक्ट्स पर भरोसा रखने, अपना बेहतरीन देने और पूरे कन्विक्शन के साथ अपने लम्हों को अपना बनाने की याद दिलाता है।” इस कैंपेन पर बात करते हुए रणविजय सिंघा ने कहा, “बोल्डनेस का मतलब तेज़ आवाज़ में बोलने से नहीं बल्कि अपनी जगह पर डटे रहने और जो सही लगे वही करने से आता है। फिर चाहे वह स्टेज हो, कैमरा हो या ज़िंदगी, मैं हमेशा उदाहरण बनकर आगे बढ़ने में विश्वास रखता हूं। यह कैंपेन ज़िम्मेदारी लेने और बढ़कर पूरे आत्मविश्वास के साथ ‘मैं नहीं तो कौन बे’ कहने के जूनून को दर्शाता है।”

इस लॉन्च पर बोलते हुए डियाजियो इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और मार्केटिंग पोर्टफोलियो हेड वरुण कूरिच ने कहा : “‘मैं नहीं तो कौन बे’ हमारे चूज़ बोल्ड सफर का अगला पड़ाव है और यह उस आत्मविश्वास की लहर को दर्शाता है जो आज के भारत को नई पहचान दे रही है। बोल्ड होना अब सिर्फ बड़े पर्दे या बड़े मंच तक सीमित नहीं है - यह हर उस मैदान में खुद पर भरोसा रखने के बारे में है जहाँ हौसले बुलंद हों। यही वजह है कि इस कैंपेन में क्रिकेट के सबसे दबाव वाले पलों से लेकर ई-स्पोर्ट्स की तेज़ी से बदलती दुनिया तक, सबको शामिल किया है जहाँ युवा भारतीय यह साबित कर रहे हैं कि हुनर, हिम्मत और आत्मविश्वास ही सफलता के नए पैमाने हैं। चाहे आप किसी कॉम्पिटिटिव गेमिंग लॉबी में मुकाबला कर रहे हों या फिर तेज़ी से बदलती डिजिटल दुनिया में कुछ नया रच रहे हों, या फिर शून्य से शुरुआत कर अपना कुछ खड़ा कर रहे हों - यह आपके अंदर का वो आत्मविश्वास ही है जो आपको सबसे अलग बनाता है। इस कैंपेन के ज़रिए, हम उन आइकॉन्स को एक मंच पर लाए हैं जो इस निडर जज़्बे की मिसाल हैं। हमें उम्मीद है कि यह कैंपेन हर युवा भारतीय को आगे आने और यह कहने के लिए प्रेरित करेगा, ‘अगर मैं नहीं, तो कौन बे?”

गेमिंग प्रो नमन माथुर, उर्फ “मोर्टल” , ने अपने विचार रखते हुए कहा, “गेमिंग का मतलब कभी भी सिर्फ जीतने से नहीं रहा है बल्कि यह तो माइंडसेट को दर्शाता है। हर मैच रणनीति, धैर्य और आत्मविश्वास का इम्तिहान होता है। आप मैदान में इस विश्वास के साथ उतरते हैं कि अपनी मेहनत पर भरोसा करें तो कुछ भी मुमकिन है। इसलिए ‘मैं नहीं तो कौन बे’ सिर्फ एक लाइन नहीं है बल्कि यह हर बार खुद का साथ देने का एक रिमाइंडर है।” रैपर और सॉन्गराइटर सृष्टि तावड़े ने कहा, “मैं अपने सपनों को पूरा करने के लिए जो कुछ भी कर रही हूँ, उसके बीच बोल्ड न रहने की कल्पना करना भी मेरे लिए नामुमकिन सा है। और मैं जानती हूँ कि जो इंसान यह विकल्प चुनता है, यह उसके लिए कितनी मजबूती से काम करता है। मैं चाहती हूँ कि लोग अपने बारे में इस बात को महसूस करें!”

इनॉरमस के सीसीओ आशीष खज़ानची ने कहा, “मैं नहीं तो कौन बे"आत्मविश्वास और साहसी फैसलों की गहराई में जाने जैसा है। हम ‘चूज़ बोल्ड’ को एक नया आयाम देना चाहते थे। #choosebold (चूज़ बोल्ड) आगे बढ़ने और अपने लम्हों को अपना बनाने के लिए ज़रूरी आत्मविश्वास का जश्न है। इस कैंपन में क्रिकेट, गेमिंग, म्यूजिक और एंटरटेनमेंट जैसे अलग-अलग क्षेत्रों के उन आइकॉन्स को शामिल किया गया है जिन्होने निडर होकर खुद का साथ दिया है, यह कैंपेन युवाओं को अपनी अंतरात्मा की आवाज़ को बुलंद करने के लिए एक साफ और सीधा संदेश है जो कहती है ,"अगर मैं नहीं, तो कौन?" यह उस पीढ़ी का जज़्बा है जो अपना गेम अपनी शर्तों पर खेलने से नहीं डरती।

गुड मॉर्निंग फिल्म्स के डायरेक्टर शशांक चतुर्वेदी ने कहा , “मैं नहीं तो कौन बे" ट्रैक ने आरसी के चूज़ बोल्ड 3.0 के संदेश को बिल्कुल सही से पकड़ा है - यह आज के दौर के मिज़ाज और आरसी की पहचान को बखूबी दर्शाता है। हम उस बोल्ड एटीट्यूड को इस तरह से सामने लाना चाहते थे जो युवाओं से जुड़ सके और फिल्म में हर शख्सियत के अनुसार हो। डब शर्मा, सृष्टि तावड़े और डी'ईविल ने साथ मिलकर यह ज़बरदस्त ट्रैक तैयार किया जिसने पूरी फिल्म का टोन सेट कर दिया है।” इस कैंपेन के साथ, रॉयल चैलेंज पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर उस जेनरेशन के साथ खड़ा है जो आगे बढ़ता है, जोखिम उठाता है और हर पल का बेबाकी से सामना करता है। यह आत्मविश्वास, साहस और भरोसे का एक उत्सव —कुछ कर गुजरने के रिमाइंडर जैसा है, क्योंकि अगर आप नहीं, तो फिर कौन?

फिल्म यहाँ देखें: https://youtu.be/GpfYxJ44-Ws?si=ck0UIdS02sTyPw0s

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रॉयल चैलेंज पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर का नया बोल्ड कैंपेन — ‘मैं नहीं तो कौन बे’ लॉन्च

इस कैंपेन के बारे में बताते हुए स्मृति मंधाना ने कहा, “मेरे लिए बोल्ड होने का मतलब हमेशा सही समय पर आगे बढ़ने से रहा है फिर चाहे वह मैदान में हो या उससे बाहर। क्रिकेट ने मुझे यह सिखाया है कि शुरुआत खुद पर विश्वास करने से ही होती है। ‘मैं नहीं तो कौन बे’ चुनौतियों का सामना करने, अपनी इंस्टिंक्ट्स पर भरोसा रखने, अपना बेहतरीन देने और पूरे कन्विक्शन के साथ अपने लम्हों को अपना बनाने की याद दिलाता है।” इस कैंपेन पर बात करते हुए रणविजय सिंघा ने कहा, “बोल्डनेस का मतलब तेज़ आवाज़ में बोलने से नहीं बल्कि अपनी जगह पर डटे रहने और जो सही लगे वही करने से आता है। फिर चाहे वह स्टेज हो, कैमरा हो या ज़िंदगी, मैं हमेशा उदाहरण बनकर आगे बढ़ने में विश्वास रखता हूं। यह कैंपेन ज़िम्मेदारी लेने और बढ़कर पूरे आत्मविश्वास के साथ ‘मैं नहीं तो कौन बे’ कहने के जूनून को दर्शाता है।”

इस लॉन्च पर बोलते हुए डियाजियो इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और मार्केटिंग पोर्टफोलियो हेड वरुण कूरिच ने कहा : “‘मैं नहीं तो कौन बे’ हमारे चूज़ बोल्ड सफर का अगला पड़ाव है और यह उस आत्मविश्वास की लहर को दर्शाता है जो आज के भारत को नई पहचान दे रही है। बोल्ड होना अब सिर्फ बड़े पर्दे या बड़े मंच तक सीमित नहीं है - यह हर उस मैदान में खुद पर भरोसा रखने के बारे में है जहाँ हौसले बुलंद हों। यही वजह है कि इस कैंपेन में क्रिकेट के सबसे दबाव वाले पलों से लेकर ई-स्पोर्ट्स की तेज़ी से बदलती दुनिया तक, सबको शामिल किया है जहाँ युवा भारतीय यह साबित कर रहे हैं कि हुनर, हिम्मत और आत्मविश्वास ही सफलता के नए पैमाने हैं। चाहे आप किसी कॉम्पिटिटिव गेमिंग लॉबी में मुकाबला कर रहे हों या फिर तेज़ी से बदलती डिजिटल दुनिया में कुछ नया रच रहे हों, या फिर शून्य से शुरुआत कर अपना कुछ खड़ा कर रहे हों - यह आपके अंदर का वो आत्मविश्वास ही है जो आपको सबसे अलग बनाता है। इस कैंपेन के ज़रिए, हम उन आइकॉन्स को एक मंच पर लाए हैं जो इस निडर जज़्बे की मिसाल हैं। हमें उम्मीद है कि यह कैंपेन हर युवा भारतीय को आगे आने और यह कहने के लिए प्रेरित करेगा, ‘अगर मैं नहीं, तो कौन बे?”

गेमिंग प्रो नमन माथुर, उर्फ “मोर्टल” , ने अपने विचार रखते हुए कहा, “गेमिंग का मतलब कभी भी सिर्फ जीतने से नहीं रहा है बल्कि यह तो माइंडसेट को दर्शाता है। हर मैच रणनीति, धैर्य और आत्मविश्वास का इम्तिहान होता है। आप मैदान में इस विश्वास के साथ उतरते हैं कि अपनी मेहनत पर भरोसा करें तो कुछ भी मुमकिन है। इसलिए ‘मैं नहीं तो कौन बे’ सिर्फ एक लाइन नहीं है बल्कि यह हर बार खुद का साथ देने का एक रिमाइंडर है।” रैपर और सॉन्गराइटर सृष्टि तावड़े ने कहा, “मैं अपने सपनों को पूरा करने के लिए जो कुछ भी कर रही हूँ, उसके बीच बोल्ड न रहने की कल्पना करना भी मेरे लिए नामुमकिन सा है। और मैं जानती हूँ कि जो इंसान यह विकल्प चुनता है, यह उसके लिए कितनी मजबूती से काम करता है। मैं चाहती हूँ कि लोग अपने बारे में इस बात को महसूस करें!”

इनॉरमस के सीसीओ आशीष खज़ानची ने कहा, “मैं नहीं तो कौन बे"आत्मविश्वास और साहसी फैसलों की गहराई में जाने जैसा है। हम ‘चूज़ बोल्ड’ को एक नया आयाम देना चाहते थे। #choosebold (चूज़ बोल्ड) आगे बढ़ने और अपने लम्हों को अपना बनाने के लिए ज़रूरी आत्मविश्वास का जश्न है। इस कैंपन में क्रिकेट, गेमिंग, म्यूजिक और एंटरटेनमेंट जैसे अलग-अलग क्षेत्रों के उन आइकॉन्स को शामिल किया गया है जिन्होने निडर होकर खुद का साथ दिया है, यह कैंपेन युवाओं को अपनी अंतरात्मा की आवाज़ को बुलंद करने के लिए एक साफ और सीधा संदेश है जो कहती है ,"अगर मैं नहीं, तो कौन?" यह उस पीढ़ी का जज़्बा है जो अपना गेम अपनी शर्तों पर खेलने से नहीं डरती।

गुड मॉर्निंग फिल्म्स के डायरेक्टर शशांक चतुर्वेदी ने कहा , “मैं नहीं तो कौन बे" ट्रैक ने आरसी के चूज़ बोल्ड 3.0 के संदेश को बिल्कुल सही से पकड़ा है - यह आज के दौर के मिज़ाज और आरसी की पहचान को बखूबी दर्शाता है। हम उस बोल्ड एटीट्यूड को इस तरह से सामने लाना चाहते थे जो युवाओं से जुड़ सके और फिल्म में हर शख्सियत के अनुसार हो। डब शर्मा, सृष्टि तावड़े और डी'ईविल ने साथ मिलकर यह ज़बरदस्त ट्रैक तैयार किया जिसने पूरी फिल्म का टोन सेट कर दिया है।” इस कैंपेन के साथ, रॉयल चैलेंज पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर उस जेनरेशन के साथ खड़ा है जो आगे बढ़ता है, जोखिम उठाता है और हर पल का बेबाकी से सामना करता है। यह आत्मविश्वास, साहस और भरोसे का एक उत्सव —कुछ कर गुजरने के रिमाइंडर जैसा है, क्योंकि अगर आप नहीं, तो फिर कौन?

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भारत को वैश्विक पर्यटन हब बनाने को पर्यटन मंत्रालय और मास्टरकार्ड में एमओयू
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किआ इंडिया ने लॉन्च किया ‘शाइन ज़ोन’, प्रीमियम कार केयर अब और सुविधाजनक
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76 लाख नई सदस्यता के साथ एबीवीपी का नया रिकॉर्ड, चार प्रमुख प्रस्ताव पारित 
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भारत में एयर पॉल्यूशन: हर साल वही कहानी… लेकिन हल कब? : डॉ. चोपड़ा
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मारवाड़ी यूनिवर्सिटी में हरमनप्रीत कौर का संदेश—आत्मविश्वास से नेतृत्व करें
न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन

अधिवेशन के प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी "रानी अब्बक्का प्रदर्शनी" का उद्घाटन भी आज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पतंजलि योग ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण एवं उत्तराखण्ड के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत द्वारा किया गया, जिसका थीम "देवभूमि से राष्ट्रभूमि तक - उत्तराखण्ड के 25 वर्षों की यात्रा एवं विजन 2047 के संदर्भ में राष्ट्रीय पुनर्जागरण" है।

रानी अब्बक्का की 500वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर कर्नाटक स्थित उनकी जन्मस्थली से निकाली गई 3000 किलोमीटर लंबी "रानी अब्बक्का कलश यात्रा" एवं भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती के अवसर उनकी जन्मस्थली उलिहातु, झारखंड से निकाली गई "भगवान बिरसा संदेश यात्रा" आज भगवान बिरसा मुंडा नगर पहुंची है, जहां इनके भव्य स्वागत के पश्चात यात्रा में लाए गए जल व मिट्टी के कलशों को प्रांगण में स्थापित किया गया।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो राजशरण शाही ने राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक के उद्घाटन सत्र में कहा कि,"अभाविप ने शैक्षिक, सामाजिक व अन्य क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य किया है। अभाविप की यह बैठक ज्ञान, साधना, संस्कार और गंगा-यमुना के उद्गम स्थल की भूमि पर आयोजित की जा रही है, जिससे हम सभी के भीतर भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा है। भारतीय संस्कृति के अनुरूप भारतीय युवाओं का मानस बने इसके लिए भारतीय मूल्यों के आधार पर नेतृत्व आवश्यक है और अभाविप इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है।"

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि, "अभाविप की इस राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक में देशभर से आए कार्यकर्ताओं ने संगठनात्मक और कार्यक्रयात्मक विषयों पर विचार-विमर्श किया। इस बैठक और अधिवेशन के माध्यम से विद्यार्थी परिषद के कार्य को तेज़ गति मिलने वाली है। बैठक में आए प्रतिनिधि कार्यकर्ता अपने केंद्रों पर सम्पूर्ण दृढ़ता और प्रतिबद्धता के साथ काम कर सभी शैक्षिक संस्थानों एवं समाज तक विद्यार्थी परिषद का संदेश पहुंचाएंगे। एक नई ऊर्जा और दृढ़ संकल्प के साथ विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता आगे बढ़ेंगे और निश्चित रूप में देशभर में छात्रशक्ति तीव्र गति से आगे बढ़ने वाली है।"

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अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक उत्तराखण्ड में संपन्न

अधिवेशन के प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी "रानी अब्बक्का प्रदर्शनी" का उद्घाटन भी आज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पतंजलि योग ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण एवं उत्तराखण्ड के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत द्वारा किया गया, जिसका थीम "देवभूमि से राष्ट्रभूमि तक - उत्तराखण्ड के 25 वर्षों की यात्रा एवं विजन 2047 के संदर्भ में राष्ट्रीय पुनर्जागरण" है।

रानी अब्बक्का की 500वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर कर्नाटक स्थित उनकी जन्मस्थली से निकाली गई 3000 किलोमीटर लंबी "रानी अब्बक्का कलश यात्रा" एवं भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती के अवसर उनकी जन्मस्थली उलिहातु, झारखंड से निकाली गई "भगवान बिरसा संदेश यात्रा" आज भगवान बिरसा मुंडा नगर पहुंची है, जहां इनके भव्य स्वागत के पश्चात यात्रा में लाए गए जल व मिट्टी के कलशों को प्रांगण में स्थापित किया गया।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो राजशरण शाही ने राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक के उद्घाटन सत्र में कहा कि,"अभाविप ने शैक्षिक, सामाजिक व अन्य क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य किया है। अभाविप की यह बैठक ज्ञान, साधना, संस्कार और गंगा-यमुना के उद्गम स्थल की भूमि पर आयोजित की जा रही है, जिससे हम सभी के भीतर भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा है। भारतीय संस्कृति के अनुरूप भारतीय युवाओं का मानस बने इसके लिए भारतीय मूल्यों के आधार पर नेतृत्व आवश्यक है और अभाविप इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है।"

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि, "अभाविप की इस राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक में देशभर से आए कार्यकर्ताओं ने संगठनात्मक और कार्यक्रयात्मक विषयों पर विचार-विमर्श किया। इस बैठक और अधिवेशन के माध्यम से विद्यार्थी परिषद के कार्य को तेज़ गति मिलने वाली है। बैठक में आए प्रतिनिधि कार्यकर्ता अपने केंद्रों पर सम्पूर्ण दृढ़ता और प्रतिबद्धता के साथ काम कर सभी शैक्षिक संस्थानों एवं समाज तक विद्यार्थी परिषद का संदेश पहुंचाएंगे। एक नई ऊर्जा और दृढ़ संकल्प के साथ विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता आगे बढ़ेंगे और निश्चित रूप में देशभर में छात्रशक्ति तीव्र गति से आगे बढ़ने वाली है।"

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दिल्ली की साहित्यकार अलका गुप्ता जबलपुर में कादम्बरी सम्मान 2025 से सम्मानित
वरिष्ठ नागरिकों के लिए साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
अब गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के टीके 14 से 15 वर्ष की किशोरियों के लिए होगा अनिवार्य !
"डेढ़ इंच ऊपर" का भव्य मंचन: आर्ट्स न्यू वे ऑर्गेनाइजेशन ने रंगमंच पर बिखेरा जादू
एलटीजी रेपर्टरी का ‘वॉर ब्राइड्स’ नई दिल्ली में भावनात्मक रूप से प्रभावशाली प्रस्तुति

इस सेवा की मुख्य सुविधाएँ:

जरूरी मेडिकल सामान को समय पर और सुरक्षित तरीके से पहुँचाना

ऐसे उत्पादों के लिए खास पैकेजिंग का इस्तेमाल करना जिन्हें ठंडा या नियंत्रित तापमान में रखना जरूरी हो।

शुरुआत में यह सेवा 50 बड़े शहरों में शुरू की जाएगी, और बाद में इसे पूरे भारत में फैलाया जाएगा। इससे इस क्षेत्र में मूवीन की मजबूत मौजूदगी दिखती है।

मोविन का क्वालिटी एश्योरेंस सिस्टम सख्त सुरक्षा नियमों का पालन करता है। इसमें गलतियों को रोकने और सुधारने (कैपा) की प्रक्रिया और किसी भी घटना की पारदर्शी रिपोर्टिंग शामिल है। यह नई सुविधा हेल्थकेयर क्षेत्र में ज्यादा भरोसा और जिम्मेदारी लेकर आएगी। अपनी बेहतर लॉजिस्टिक्स क्षमता के साथ, मूवीन हेल्थकेयर ज़रूरी मेडिकल सामान को अस्पतालों और हेल्थकेयर सेवाओं तक तेज़ और सही तरीके से पहुँचाएगा। इससे मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा, यही इस नई विशेष सेवा का उद्देश्य है।

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मूविन हेल्थकेयर सर्विस लॉन्च, तेज़ मेडिकल डिलीवरी पर फोकस

इस सेवा की मुख्य सुविधाएँ:

जरूरी मेडिकल सामान को समय पर और सुरक्षित तरीके से पहुँचाना

ऐसे उत्पादों के लिए खास पैकेजिंग का इस्तेमाल करना जिन्हें ठंडा या नियंत्रित तापमान में रखना जरूरी हो।

शुरुआत में यह सेवा 50 बड़े शहरों में शुरू की जाएगी, और बाद में इसे पूरे भारत में फैलाया जाएगा। इससे इस क्षेत्र में मूवीन की मजबूत मौजूदगी दिखती है।

मोविन का क्वालिटी एश्योरेंस सिस्टम सख्त सुरक्षा नियमों का पालन करता है। इसमें गलतियों को रोकने और सुधारने (कैपा) की प्रक्रिया और किसी भी घटना की पारदर्शी रिपोर्टिंग शामिल है। यह नई सुविधा हेल्थकेयर क्षेत्र में ज्यादा भरोसा और जिम्मेदारी लेकर आएगी। अपनी बेहतर लॉजिस्टिक्स क्षमता के साथ, मूवीन हेल्थकेयर ज़रूरी मेडिकल सामान को अस्पतालों और हेल्थकेयर सेवाओं तक तेज़ और सही तरीके से पहुँचाएगा। इससे मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा, यही इस नई विशेष सेवा का उद्देश्य है।

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वेलनेस इंडिया कॉन्फ्रेंस सफलतापूर्वक सम्पन्न
 

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दिल्ली प्रांत अभाविप ने निभाई पवित्र जल-यात्रा की सेतु भूमिका
 

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एनडीएमसी के तीन आयुष्मान आरोग्य मंदिर जनता के लिए खुले
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फ़ार्मा सेक्टर का महाकुंभ—CPHI और PMEC India Expo का शुभारंभ
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व्यापारी भारतीय अर्थव्यवस्था के मुख्य स्तम्भ: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
दक्षिण दिल्ली में ‘मेरा युवा भारत’ द्वारा 17वां जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम शुरू
जेएनयू में नक्सलवाद के विरोध में प्रदर्शन और पुतला दहन

इस साल के अभियान का एक प्रमुख आकर्षण "मायोपिया प्रतिज्ञा– राष्ट्रीय मायोपिया सप्ताह 2025" था। यह आधिकारिक वेबसाइट www.nationalmyopiaweek.org पर आयोजित किया गया था। इस पहल के जरिए अभिभावकों को अपने बच्चों की साल में एक बार आंखों की जांच कराने और अपने समुदायों में मायोपिया की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान के तहत प्रतिभागियों को आधिकारिक मायोपिया प्रतिज्ञा प्रमाणपत्र भी डाउनलोड करने का मौका मिला।

एसएएम आई हॉस्पिटल लखनऊ की डॉ. आरती एलहांस ने बचाव के तौर पर आंखों की देखभाल की तुरंत ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा, “लखनऊ में हम 6 से 8 साल के बच्चों में भी मायोपिया के केस तेज़ी से देख रहे हैं, खासकर पिछले कुछ सालों में डिजिटल इस्तेमाल बढ़ने के बाद ऐसे केस ज्यादा आने लगे हैं। स्कूलों और माता-पिता को इस ट्रेंड को गंभीरता से लेना चाहिए। रेगुलर आंखों की जांच, स्क्रीन पर कम समय बिताना और बाहर ज्यादा है समय बिताना बहुत ज़रूरी है। हम लखनऊ में माता-पिता को सलाह देते हैं कि वे इस बीमारी को जल्दी पता लगाने को प्राथमिकता दें, क्योंकि समय पर इलाज से मायोपिया का बढ़ना काफी धीमा हो सकता है।”

पिछले तीन सालों में राष्ट्रीय मायोपिया सप्ताह अभियान सोशल मीडिया पहलों, प्रेस कवरेज और स्कूल जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से पूरे भारत में लाखों अभिभावकों, शिक्षकों और बच्चों तक पहुँच चुका है। इस साल एंटोड का लक्ष्य और भी ज़्यादा दर्शकों तक पहुँचना है। इसके अलावा एंटोड का उद्देश्य अपनी गतिविधियों का विस्तार 450 जिलों तक करके और स्कूलों तथा समुदायों को शामिल करके देश भर में 7 करोड़ से ज़्यादा लोगों तक पहुँचना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संगठन ने देश भर में जागरूकता गतिविधियों में सहायता के लिए 2,500 से ज़्यादा डॉक्टरों और 5,000 वॉलंटियर्स को नियुक्त किया गया है। इनमें नेत्र विशेषज्ञ द्वारा संचालित, स्कूल-आधारित शैक्षिक सत्र, विजन स्क्रीनिंग कैंप और नेत्र स्वास्थ्य पर इंटरैक्टिव वर्कशॉप शामिल हैं। क्लीनिक और हॉस्पिटल स्तर पर मरीजों को प्रिवेंटिव आई हेल्थ (निवारक नेत्र देखभाल) पर मार्गदर्शन के साथ क्षेत्रीय भाषाओं में सूचनात्मक पत्रक प्राप्त होंगे।

एंटोंड फार्मास्यूटिकल्स के एक्जीक्यूटिव डॉयरेक्टर निखिल के. मसुरकर ने सक्रिय कार्रवाई के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “मायोपिया का ग्लोबल ट्रेंड बहुत चिंताजनक हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि 2050 तक दुनिया की लगभग आधी आबादी मायोपिया से प्रभावित हो सकती है। #OperationMyopia के साथ हमारा मिशन एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बनाना है जो प्रारंभिक नेत्र जांच को बढ़ावा दे और परिवारों को बच्चों के आंखों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सशक्त बनाए।”

इन प्रयासों के साथ ही दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, वाराणसी, अहमदाबाद, वडोदरा, कोयंबटूर, पुणे, पटना और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में रेडियो कार्यक्रमों और स्थानीय जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाएगा, ताकि आंखों की सेहत से जुड़ा संदेश देश के अलग-अलग समुदायों तक पहुंच सके। रेड एफएम के सहयोग से चलाए जा रहे ये शहर-स्तरीय अभियान लोगों की भागीदारी बढ़ाने और इस पहल को और मजबूत बनाने का लक्ष्य रखते हैं। मायोपिया एक बढ़ती हुई वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन गई है। एंटोड फ़ार्मास्युटिकल्स जागरूकता, इनोवेशन और रोकथाम के ज़रिए इससे निपटने के लिए लगातार काम कर रहा है, ताकि आने वाली पीढ़ियों की आंखों की रोशनी सुरक्षित रखी जा सके।

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एंटोड फार्मा और मातानंद फाउंडेशन ने चलाया देशव्यापी मायोपिया जागरूकता अभियान

इस साल के अभियान का एक प्रमुख आकर्षण "मायोपिया प्रतिज्ञा– राष्ट्रीय मायोपिया सप्ताह 2025" था। यह आधिकारिक वेबसाइट www.nationalmyopiaweek.org पर आयोजित किया गया था। इस पहल के जरिए अभिभावकों को अपने बच्चों की साल में एक बार आंखों की जांच कराने और अपने समुदायों में मायोपिया की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान के तहत प्रतिभागियों को आधिकारिक मायोपिया प्रतिज्ञा प्रमाणपत्र भी डाउनलोड करने का मौका मिला।

एसएएम आई हॉस्पिटल लखनऊ की डॉ. आरती एलहांस ने बचाव के तौर पर आंखों की देखभाल की तुरंत ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा, “लखनऊ में हम 6 से 8 साल के बच्चों में भी मायोपिया के केस तेज़ी से देख रहे हैं, खासकर पिछले कुछ सालों में डिजिटल इस्तेमाल बढ़ने के बाद ऐसे केस ज्यादा आने लगे हैं। स्कूलों और माता-पिता को इस ट्रेंड को गंभीरता से लेना चाहिए। रेगुलर आंखों की जांच, स्क्रीन पर कम समय बिताना और बाहर ज्यादा है समय बिताना बहुत ज़रूरी है। हम लखनऊ में माता-पिता को सलाह देते हैं कि वे इस बीमारी को जल्दी पता लगाने को प्राथमिकता दें, क्योंकि समय पर इलाज से मायोपिया का बढ़ना काफी धीमा हो सकता है।”

पिछले तीन सालों में राष्ट्रीय मायोपिया सप्ताह अभियान सोशल मीडिया पहलों, प्रेस कवरेज और स्कूल जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से पूरे भारत में लाखों अभिभावकों, शिक्षकों और बच्चों तक पहुँच चुका है। इस साल एंटोड का लक्ष्य और भी ज़्यादा दर्शकों तक पहुँचना है। इसके अलावा एंटोड का उद्देश्य अपनी गतिविधियों का विस्तार 450 जिलों तक करके और स्कूलों तथा समुदायों को शामिल करके देश भर में 7 करोड़ से ज़्यादा लोगों तक पहुँचना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संगठन ने देश भर में जागरूकता गतिविधियों में सहायता के लिए 2,500 से ज़्यादा डॉक्टरों और 5,000 वॉलंटियर्स को नियुक्त किया गया है। इनमें नेत्र विशेषज्ञ द्वारा संचालित, स्कूल-आधारित शैक्षिक सत्र, विजन स्क्रीनिंग कैंप और नेत्र स्वास्थ्य पर इंटरैक्टिव वर्कशॉप शामिल हैं। क्लीनिक और हॉस्पिटल स्तर पर मरीजों को प्रिवेंटिव आई हेल्थ (निवारक नेत्र देखभाल) पर मार्गदर्शन के साथ क्षेत्रीय भाषाओं में सूचनात्मक पत्रक प्राप्त होंगे।

एंटोंड फार्मास्यूटिकल्स के एक्जीक्यूटिव डॉयरेक्टर निखिल के. मसुरकर ने सक्रिय कार्रवाई के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “मायोपिया का ग्लोबल ट्रेंड बहुत चिंताजनक हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि 2050 तक दुनिया की लगभग आधी आबादी मायोपिया से प्रभावित हो सकती है। #OperationMyopia के साथ हमारा मिशन एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बनाना है जो प्रारंभिक नेत्र जांच को बढ़ावा दे और परिवारों को बच्चों के आंखों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सशक्त बनाए।”

इन प्रयासों के साथ ही दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, वाराणसी, अहमदाबाद, वडोदरा, कोयंबटूर, पुणे, पटना और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में रेडियो कार्यक्रमों और स्थानीय जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाएगा, ताकि आंखों की सेहत से जुड़ा संदेश देश के अलग-अलग समुदायों तक पहुंच सके। रेड एफएम के सहयोग से चलाए जा रहे ये शहर-स्तरीय अभियान लोगों की भागीदारी बढ़ाने और इस पहल को और मजबूत बनाने का लक्ष्य रखते हैं। मायोपिया एक बढ़ती हुई वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन गई है। एंटोड फ़ार्मास्युटिकल्स जागरूकता, इनोवेशन और रोकथाम के ज़रिए इससे निपटने के लिए लगातार काम कर रहा है, ताकि आने वाली पीढ़ियों की आंखों की रोशनी सुरक्षित रखी जा सके।

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क्यूरेटेड कॉर्पोरेट सैलरी प्रोग्राम, जिसे विशेष रूप से फंडेड स्टार्ट-अप और डिजिटल व्यवसायों के कर्मचारियों के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसमें सुविधा, जीवनशैली और फाइनेंशियल वेलनेस को ध्यान में रखते हुए कई लाभ दिए गए हैं, जैसे: जीरो-बैलेंस सेविंग्स अकाउंट, व्यापक इंश्योरेंस कवरेज, एक्सक्लूसिव क्रेडिट कार्ड प्रिविलेज, और पर्सनलाइज़्ड लोन ऑप्शंस शामिल हैं। यह प्रोग्राम जेन जी और जेन अल्फा वर्कफोर्स की जीवनशैली को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य जांच, फिटनेस, यात्रा, शिक्षा और मनोरंजन से जुड़े कई लाभ प्रदान करता है।

अपने 'स्विच टू सेव' फ़ीचर के माध्यम से, यह प्रोग्राम कर्मचारियों को बेहतरीन मूल्य भी देता है, जिससे खाते के प्रकार के आधार पर 46,000 रुपये से 2.4 लाख रुपये तक की वार्षिक बचत कर सकते हैं। ये विशेष लाभ इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक वेतन खाताधारक की वित्तीय भलाई को बेहतर बनाने के लिए तैयार किए गए हैं।
लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए, एक्सिस बैंक के ग्रुप एक्जीक्यूटिव – होलसेल बैंकिंग कवरेज, कॉर्पोरेट सैलरी, सस्टेनेबिलिटी और सीएसआर, विजय मुलबागल ने कहा: “भारत की स्टार्ट-अप कहानी महत्वाकांक्षा, मजबूत और वैश्विक स्तर की है।

एक्सिस बैंक में हमें इसका हिस्सा बनने का सम्मान मिला है—हम भारत के 65% से अधिक यूनिकॉर्न्स को बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करते हैं और ग्रोथ स्तर से लेकर लिस्टिंग तक कंपनियों का समर्थन करते हैं। अपने न्यू इकोनॉमी ग्रुप के माध्यम से, हम इस जुड़ाव को और गहरा कर रहे हैं – न केवल एक बैंकर के रूप में, बल्कि एक विकास भागीदार के रूप में भी। यह क्यूरेटेड कॉर्पोरेट सैलरी प्रोग्राम डिजिटल इकोनॉमी को आगे बढ़ाने वाले लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में एक और अहम कदम है। यह प्रोग्राम इंश्योरेंस, होम लोन, क्रेडिट कार्ड और लाइफस्टाइल प्रिविलेज सहित व्यापक लाभों की श्रृंखला प्रदान करता है, जिसमें नई पीढ़ी की वर्कफोर्स के लिए विशेष छूट भी     शामिल हैं।”

एक्सिस बैंक के प्रेसिडेंट और हैड – न्यू इकोनॉमी एण्ड मल्टीनेशनल्स कवरेज, संजीव भाटिया ने कहा, “स्टार्ट-अप्स भारत में अत्यधिक कुशल तकनीकी प्रोफेशनल्स के साथ रोज़गार को नए रूप में परिभाषित कर रहे हैं। हमारा क्यूरेटेड कॉर्पोरेट सैलरी प्रोग्राम उनकी अनूठी ज़रूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जो रोज़मर्रा की बैंकिंग को अलग ही जीवनशैली लाभों के साथ जोड़ता है। यह पहल हमारी अन्य पेशकशों, जैसे स्टार्ट-अप कार्ड, वर्किंग कैपिटल समाधानों, पूंजी बाजार, कैपिटल मार्केट, बैंकिंग एपीआई के साथ जुड़ाव और संस्थापकों के लिए बरगंडी प्राइवेट समाधान का पूरक है जिससे हम कंपनियों की हर ग्रोथ स्टेज पर मौजूद रहते हैं।”

भारत की इनोवेशन इकोनॉमी को सशक्त बनाना एक्सिस बैंक का न्यू इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल स्पॉन्सर ग्रुप (एनईजीएफएस) स्टार्ट-अप्स, वेंचर-बैक्ड कंपनियों और निवेशकों की बैंकिंग आवश्यकताओं के लिए समर्पित है। सभी प्रमुख इनोवेशन हब्स में उपस्थिति के साथ, न्यू इकोनॉमी ग्रुप वर्तमान में 45% से अधिक फंडेड स्टार्ट-अप्स (सीरीज़ ए और उससे ऊपर) को बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करता है, और उन्हें डिजिटल लेनदेन बैंकिंग और ट्रेजरी सेवाओं से लेकर कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड और संस्थापकों के लिए धन समाधान तक, उत्पादों की एक पूरी श्रृंखला प्रदान करता है।

न्यू इकोनॉमी ग्रुप कई स्टार्ट-अप्स के साथ एपीआई इंटीग्रेशन के माध्यम से गहन समाधान प्रदान करके और रणनीतिक साझेदारियाँ बनाकर पारंपरिक बैंकिंग से आगे बढ़ता है, जो स्टार्ट-अप्स को एक्सिस ब्रांड की ताकत और विश्वास के साथ जोड़ती हैं। न्यू इकोनॉमी एंड फाइनेंशियल स्पॉन्सर्स ग्रुप द्वारा संचालित एक्सिस बैंक स्टार्ट-अप सोशल प्लेटफॉर्म, स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के लिए एक प्रमुख नेटवर्किंग फोरम बन गया है, जो संस्थापकों, वीसी और इकोसिस्टम के खिलाड़ियों को एक-दूसरे से और सीधे बैंक की लीडरशिप टीम से जुड़ने का अवसर देता है।

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एक्सिस बैंक ने स्टार्ट-अप कर्मचारियों के लिए क्यूरेटेड कॉरपोरेट सैलरी प्रोग्राम लॉन्च किया

क्यूरेटेड कॉर्पोरेट सैलरी प्रोग्राम, जिसे विशेष रूप से फंडेड स्टार्ट-अप और डिजिटल व्यवसायों के कर्मचारियों के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसमें सुविधा, जीवनशैली और फाइनेंशियल वेलनेस को ध्यान में रखते हुए कई लाभ दिए गए हैं, जैसे: जीरो-बैलेंस सेविंग्स अकाउंट, व्यापक इंश्योरेंस कवरेज, एक्सक्लूसिव क्रेडिट कार्ड प्रिविलेज, और पर्सनलाइज़्ड लोन ऑप्शंस शामिल हैं। यह प्रोग्राम जेन जी और जेन अल्फा वर्कफोर्स की जीवनशैली को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य जांच, फिटनेस, यात्रा, शिक्षा और मनोरंजन से जुड़े कई लाभ प्रदान करता है।

अपने 'स्विच टू सेव' फ़ीचर के माध्यम से, यह प्रोग्राम कर्मचारियों को बेहतरीन मूल्य भी देता है, जिससे खाते के प्रकार के आधार पर 46,000 रुपये से 2.4 लाख रुपये तक की वार्षिक बचत कर सकते हैं। ये विशेष लाभ इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक वेतन खाताधारक की वित्तीय भलाई को बेहतर बनाने के लिए तैयार किए गए हैं।
लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए, एक्सिस बैंक के ग्रुप एक्जीक्यूटिव – होलसेल बैंकिंग कवरेज, कॉर्पोरेट सैलरी, सस्टेनेबिलिटी और सीएसआर, विजय मुलबागल ने कहा: “भारत की स्टार्ट-अप कहानी महत्वाकांक्षा, मजबूत और वैश्विक स्तर की है।

एक्सिस बैंक में हमें इसका हिस्सा बनने का सम्मान मिला है—हम भारत के 65% से अधिक यूनिकॉर्न्स को बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करते हैं और ग्रोथ स्तर से लेकर लिस्टिंग तक कंपनियों का समर्थन करते हैं। अपने न्यू इकोनॉमी ग्रुप के माध्यम से, हम इस जुड़ाव को और गहरा कर रहे हैं – न केवल एक बैंकर के रूप में, बल्कि एक विकास भागीदार के रूप में भी। यह क्यूरेटेड कॉर्पोरेट सैलरी प्रोग्राम डिजिटल इकोनॉमी को आगे बढ़ाने वाले लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में एक और अहम कदम है। यह प्रोग्राम इंश्योरेंस, होम लोन, क्रेडिट कार्ड और लाइफस्टाइल प्रिविलेज सहित व्यापक लाभों की श्रृंखला प्रदान करता है, जिसमें नई पीढ़ी की वर्कफोर्स के लिए विशेष छूट भी     शामिल हैं।”

एक्सिस बैंक के प्रेसिडेंट और हैड – न्यू इकोनॉमी एण्ड मल्टीनेशनल्स कवरेज, संजीव भाटिया ने कहा, “स्टार्ट-अप्स भारत में अत्यधिक कुशल तकनीकी प्रोफेशनल्स के साथ रोज़गार को नए रूप में परिभाषित कर रहे हैं। हमारा क्यूरेटेड कॉर्पोरेट सैलरी प्रोग्राम उनकी अनूठी ज़रूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जो रोज़मर्रा की बैंकिंग को अलग ही जीवनशैली लाभों के साथ जोड़ता है। यह पहल हमारी अन्य पेशकशों, जैसे स्टार्ट-अप कार्ड, वर्किंग कैपिटल समाधानों, पूंजी बाजार, कैपिटल मार्केट, बैंकिंग एपीआई के साथ जुड़ाव और संस्थापकों के लिए बरगंडी प्राइवेट समाधान का पूरक है जिससे हम कंपनियों की हर ग्रोथ स्टेज पर मौजूद रहते हैं।”

भारत की इनोवेशन इकोनॉमी को सशक्त बनाना एक्सिस बैंक का न्यू इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल स्पॉन्सर ग्रुप (एनईजीएफएस) स्टार्ट-अप्स, वेंचर-बैक्ड कंपनियों और निवेशकों की बैंकिंग आवश्यकताओं के लिए समर्पित है। सभी प्रमुख इनोवेशन हब्स में उपस्थिति के साथ, न्यू इकोनॉमी ग्रुप वर्तमान में 45% से अधिक फंडेड स्टार्ट-अप्स (सीरीज़ ए और उससे ऊपर) को बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करता है, और उन्हें डिजिटल लेनदेन बैंकिंग और ट्रेजरी सेवाओं से लेकर कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड और संस्थापकों के लिए धन समाधान तक, उत्पादों की एक पूरी श्रृंखला प्रदान करता है।

न्यू इकोनॉमी ग्रुप कई स्टार्ट-अप्स के साथ एपीआई इंटीग्रेशन के माध्यम से गहन समाधान प्रदान करके और रणनीतिक साझेदारियाँ बनाकर पारंपरिक बैंकिंग से आगे बढ़ता है, जो स्टार्ट-अप्स को एक्सिस ब्रांड की ताकत और विश्वास के साथ जोड़ती हैं। न्यू इकोनॉमी एंड फाइनेंशियल स्पॉन्सर्स ग्रुप द्वारा संचालित एक्सिस बैंक स्टार्ट-अप सोशल प्लेटफॉर्म, स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के लिए एक प्रमुख नेटवर्किंग फोरम बन गया है, जो संस्थापकों, वीसी और इकोसिस्टम के खिलाड़ियों को एक-दूसरे से और सीधे बैंक की लीडरशिप टीम से जुड़ने का अवसर देता है।

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एमवे इंडिया ने लॉन्च किया 'न्यूट्रीलाइट विटामिन डी प्लस बोरॉन'
भारत में वर्ल्ड टेनिस लीग की एंट्री, चार टीमों की स्टार-स्टडेड स्क्वॉड्स पर से उठा पर्दा
शारदा केयर हेल्थसिटी ने WAAW 2025 में AMR जागरूकता बढ़ाई
लेमन ने भारत के शेयर ट्रेडर्स के लिए ‘पावर SIP’ लॉन्च किया

अभाविप जेएनयू इन नारों को राष्ट्र-विरोधी करार देती है, दिल्ली की सड़कों पर माओवादी हिंसा का गुणगान करने वाले देश विरोधी तत्वों का कड़ा विरोध करती है। इन वामपंथी गुटों द्वारा इंडिया गेट पर लगाए गए देश विरोधी नारों में संलिप्त लोगों में कुछ उस संगठन के लोग भी थे जो कल जेएनयू में हिडमा के समर्थन में पर्चे बांट रहे थे। इन घटनाओं ने साफ कर दिया है कि वामपंथी संगठन पर्यावरण, छात्र समस्याओं, या सामाजिक मुद्दों का उपयोग केवल अपने नक्सल समर्थक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कर रहा है और यह सभी वामपंथी संगठन देश के लिए खतरा है।

अभाविप जेएनयू अध्यक्ष मयंक पंचाल ने कहा,“जिस प्रदर्शन का उद्देश्य प्रदूषण के खिलाफ आवाज़ उठाना था, उसे वामपंथी तत्वों ने माओवादी आतंकवाद के समर्थन का मंच बना दिया। यह दिल्ली की जनता और देश के सुरक्षा बलों का अपमान है। ऐसे कृत्यों पर कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए।” अभाविप जेएनयू मंत्री प्रवीण पीयूष ने कहा,”हिडमा जैसे खूनी आतंकवादी के लिए ‘अमर रहो’ के नारे लगाना किसी भी लोकतांत्रिक समाज में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह सीधे-सीधे आतंकवाद के पक्ष में खड़े होने का कृत्य है। अभाविप इसकी घोर निंदा करता है और देश की सुरक्षा एजेंसियों से मांग करता है कि इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।”

अभाविप नक्सलवाद के समर्थन और किसी भी प्रकार की आतंक-मित्र राजनीति का दृढ़ता से विरोध जारी रखेगी। देश के सैनिकों का सम्मान और निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और किसी भी मंच पर आतंकी तत्वों का महिमामंडन राष्ट्र के खिलाफ गंभीर अपराध है।

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माडवी हिडमा के नारे लगाने वालों पर उचित कार्रवाई करे पुलिस एबीवीपी जेएनयू

अभाविप जेएनयू इन नारों को राष्ट्र-विरोधी करार देती है, दिल्ली की सड़कों पर माओवादी हिंसा का गुणगान करने वाले देश विरोधी तत्वों का कड़ा विरोध करती है। इन वामपंथी गुटों द्वारा इंडिया गेट पर लगाए गए देश विरोधी नारों में संलिप्त लोगों में कुछ उस संगठन के लोग भी थे जो कल जेएनयू में हिडमा के समर्थन में पर्चे बांट रहे थे। इन घटनाओं ने साफ कर दिया है कि वामपंथी संगठन पर्यावरण, छात्र समस्याओं, या सामाजिक मुद्दों का उपयोग केवल अपने नक्सल समर्थक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कर रहा है और यह सभी वामपंथी संगठन देश के लिए खतरा है।

अभाविप जेएनयू अध्यक्ष मयंक पंचाल ने कहा,“जिस प्रदर्शन का उद्देश्य प्रदूषण के खिलाफ आवाज़ उठाना था, उसे वामपंथी तत्वों ने माओवादी आतंकवाद के समर्थन का मंच बना दिया। यह दिल्ली की जनता और देश के सुरक्षा बलों का अपमान है। ऐसे कृत्यों पर कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए।” अभाविप जेएनयू मंत्री प्रवीण पीयूष ने कहा,”हिडमा जैसे खूनी आतंकवादी के लिए ‘अमर रहो’ के नारे लगाना किसी भी लोकतांत्रिक समाज में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह सीधे-सीधे आतंकवाद के पक्ष में खड़े होने का कृत्य है। अभाविप इसकी घोर निंदा करता है और देश की सुरक्षा एजेंसियों से मांग करता है कि इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।”

अभाविप नक्सलवाद के समर्थन और किसी भी प्रकार की आतंक-मित्र राजनीति का दृढ़ता से विरोध जारी रखेगी। देश के सैनिकों का सम्मान और निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और किसी भी मंच पर आतंकी तत्वों का महिमामंडन राष्ट्र के खिलाफ गंभीर अपराध है।

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‘तेरे इश्क़ में’ की प्रमोशनल लहर छाई दिल्ली में
शायरी और रोमांस से सजी ‘गुस्ताख़ इश्क़’ की पहली झलक
संगीत के माध्यम से उस्ताद रईस खान ने बच्चों को स्वच्छता के प्रति किया जागरूक

KHAANA aur GAANA emerged as an immersive experience—led, shaped, and enlivened by the unmatched talent and creative vision of Aviekal Kakkar.

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KHAANA aur GAANA: A Cinematic Feast Led by Aviekal Kakkar

KHAANA aur GAANA emerged as an immersive experience—led, shaped, and enlivened by the unmatched talent and creative vision of Aviekal Kakkar.

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बिल्डर की हटधर्मी से परेशान पीड़ित बुजुर्ग,अपने घर के लिए दर- दर भटकने को मजबूर
JNU सेंट्रल लाइब्रेरी में तोड़फोड़, ABVP ने वामपंथी छात्र संगठनों पर लगाया आरोप

निवेशकों के पास अब विभिन्न प्रकार के उपकरणों तक पहुँच है, यानि आज के समय में निवेशक इक्विटी, डेब्ट सिक्योरिटीज़, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ), रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (आरईआईटी), इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (इन्वाइट्स), सरकारी बॉन्ड और कॉर्पोरेट बॉन्ड जैसे कई विकल्पों में सरलता से निवेश कर सकते हैं। इन सभी प्रयासों का नतीजा है कि इस साल एनएसई ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है कि नवंबर में निवेशक अकाउंट्स की संख्या 24 करोड़ के आँकड़े को पार कर गई है।"

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24 करोड़ (240 मिलियन) अकाउंट्स के साथ एनएसई ने दर्ज की नई उपलब्धि

निवेशकों के पास अब विभिन्न प्रकार के उपकरणों तक पहुँच है, यानि आज के समय में निवेशक इक्विटी, डेब्ट सिक्योरिटीज़, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ), रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (आरईआईटी), इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (इन्वाइट्स), सरकारी बॉन्ड और कॉर्पोरेट बॉन्ड जैसे कई विकल्पों में सरलता से निवेश कर सकते हैं। इन सभी प्रयासों का नतीजा है कि इस साल एनएसई ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है कि नवंबर में निवेशक अकाउंट्स की संख्या 24 करोड़ के आँकड़े को पार कर गई है।"

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एशियन पेंट्स ने शहरी-ग्रामीण दोनों बाजारों में पकड़ी रफ्तार
अदाणी ग्रुप बना इंडियन पिकलबॉल लीग के पहले सीज़न का ‘पावर्ड बाय पार्टनर’
अदाणी ग्रुप बना इंडियन पिकलबॉल लीग के पहले सीज़न का ‘पावर्ड बाय पार्टनर’

कार्यक्रम के पहले सत्र में कवि सम्मेलन किया गया, इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ प्रमोद कुमार के द्वारा किया गया जिसमें 8 कवि/कवियित्रियों ने अपने काव्य पाठ से उपस्थित दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया एवम गाउँ से शहर तक का सफर अपने काव्य पाठ से कराया। कवि/कवियित्रों में डॉ प्रमोद कुमार, ई बिजय कुमार लाल, सुजीत कुमार, रविरंजन वर्मा "चमन", आनंद दास "गौतम",  तनुजा दत्त, शशि महेंद्र एवम प्रिया वरुण कुमार ने कविता पाठ किया एवम बतौर संचालक भूमिका में तनुजा एवम सुजीत उपस्थित रहे। अंत मे सभी कवि/कवियित्रों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में "गृहिणी महिलाओं के लिए स्वरोजगार के विभिन्न अवसर पर" परिचर्चा किया गया जिसमें वक्ता के रूप में, सीए आशीष नीरज (प्रख्यात चार्टर्ड अकाउंटेंट व राष्ट्रीय अध्यक्ष केकेएम) ने महिलाओं के रोजगार हेतु विभिन्न दिशाओं को सबके समक्ष रखा। सत्र के बाद वक्ता आशीष को समन्वय समिति के सदस्य के के करन जी के द्वारा स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया ! सत्र के संचालन में बतौर भूमिका श्री हिमांशु उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में "सांस्कृतिक संध्या" का आयोजन हुआ, जिसमें 1 गायक एवम 7 गायिकाओं ने अपनी संगीतमयी प्रस्तुति से पूरे सभागार को मंत्रमुग्ध कर दिया। गायिकाओं में पूनम कर्ण, रजनी दास, चन्दा चौधरी, आराधना मल्लिक, शांता कुमारी, स्वाति दास एवम दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रख्यात चिकित्सक डॉ संजय लाभ एवम उनके धर्मपत्नी डॉ अनुपमा लाभ ने सामूहिक गीत से उपस्थित श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस सत्र का संचालन दिल्ली प्रदेश महासचिव हिमांशु सौरभ ने किया और अंत में गायक एवम गायिकाओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया !

धन्यवाद ज्ञापन पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सी एम एल दास ने किया। इस कार्यक्रम में केकेएम झारखंड प्रदेश सचिव अमरनाथ लास दास, केकेएम के पूर्व राष्ट्रीय सचिव विजय कुमार जी, संस्था के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष कुमार रंजीत एवम सैकड़ों दर्शक उपस्थित हुए।

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परिवार, कविता और संस्कृति से सजा कर्ण कायस्थ महासभा का स्नेह मिलन

कार्यक्रम के पहले सत्र में कवि सम्मेलन किया गया, इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ प्रमोद कुमार के द्वारा किया गया जिसमें 8 कवि/कवियित्रियों ने अपने काव्य पाठ से उपस्थित दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया एवम गाउँ से शहर तक का सफर अपने काव्य पाठ से कराया। कवि/कवियित्रों में डॉ प्रमोद कुमार, ई बिजय कुमार लाल, सुजीत कुमार, रविरंजन वर्मा "चमन", आनंद दास "गौतम",  तनुजा दत्त, शशि महेंद्र एवम प्रिया वरुण कुमार ने कविता पाठ किया एवम बतौर संचालक भूमिका में तनुजा एवम सुजीत उपस्थित रहे। अंत मे सभी कवि/कवियित्रों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में "गृहिणी महिलाओं के लिए स्वरोजगार के विभिन्न अवसर पर" परिचर्चा किया गया जिसमें वक्ता के रूप में, सीए आशीष नीरज (प्रख्यात चार्टर्ड अकाउंटेंट व राष्ट्रीय अध्यक्ष केकेएम) ने महिलाओं के रोजगार हेतु विभिन्न दिशाओं को सबके समक्ष रखा। सत्र के बाद वक्ता आशीष को समन्वय समिति के सदस्य के के करन जी के द्वारा स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया ! सत्र के संचालन में बतौर भूमिका श्री हिमांशु उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में "सांस्कृतिक संध्या" का आयोजन हुआ, जिसमें 1 गायक एवम 7 गायिकाओं ने अपनी संगीतमयी प्रस्तुति से पूरे सभागार को मंत्रमुग्ध कर दिया। गायिकाओं में पूनम कर्ण, रजनी दास, चन्दा चौधरी, आराधना मल्लिक, शांता कुमारी, स्वाति दास एवम दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रख्यात चिकित्सक डॉ संजय लाभ एवम उनके धर्मपत्नी डॉ अनुपमा लाभ ने सामूहिक गीत से उपस्थित श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस सत्र का संचालन दिल्ली प्रदेश महासचिव हिमांशु सौरभ ने किया और अंत में गायक एवम गायिकाओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया !

धन्यवाद ज्ञापन पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सी एम एल दास ने किया। इस कार्यक्रम में केकेएम झारखंड प्रदेश सचिव अमरनाथ लास दास, केकेएम के पूर्व राष्ट्रीय सचिव विजय कुमार जी, संस्था के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष कुमार रंजीत एवम सैकड़ों दर्शक उपस्थित हुए।

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Miltenyi, BRIC-THSTI & BIRAC Roll Out India’s First CAR-T Training Program
India’s First CAR-T Manufacturing Training Launched 
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर: आस्था, अर्थव्यवस्था और इंजीनियरिंग का अनोखा संगम
दिल्ली से वृंदावन और गोवर्धन धाम के लिए भक्तों का दल रवाना

ऐसे लेक्चर्स और अकादमिक संवादों के माध्यम से एनआईईपीए शिक्षा नीति और व्यवहार में इनोवेशन और विमर्श को बढ़ावा देता रहा है, जो राष्ट्र के व्यापक शैक्षिक लक्ष्यों के अनुरूप है।कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए संस्थान की कुलपति प्रो. शशिकला वंजारी ने कहा“मौलाना आज़ाद मेमोरियल लेक्चर भारत की समृद्ध शैक्षिक विरासत और उसके भविष्य के प्रति एहसास की याद दिलाता है। श्री अरविंद जैसे विचारकों के चिंतन को समकालीन दृष्टि से जोड़कर, हमने भारत में शिक्षा की नैतिक और बौद्धिक नींव को सुदृढ़ करने का प्रयास किया है।”

इस आयोजन ने शिक्षाविदों, नीतिनिर्माताओं, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों को एक साथ लाकर ऐसे विचारों पर विचार-विमर्श का अवसर प्रदान किया, जो एक प्रगतिशील और समावेशी समाज के लिए शिक्षा को दिशा देते हैं। एनआईईपीए शिक्षा के क्षेत्र में विचार नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान, प्रशिक्षण और संवाद के माध्यम से भारत के बदलते शैक्षिक परिदृश्य के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। कार्यक्रम के अंत में डॉ. सूर्य नारायण मिश्रा, कुलसचिव, एनआईईपीए ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया

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एनआईईपीए ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर मौलाना आज़ाद मेमोरियल लेक्चर किया आयोजित

ऐसे लेक्चर्स और अकादमिक संवादों के माध्यम से एनआईईपीए शिक्षा नीति और व्यवहार में इनोवेशन और विमर्श को बढ़ावा देता रहा है, जो राष्ट्र के व्यापक शैक्षिक लक्ष्यों के अनुरूप है।कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए संस्थान की कुलपति प्रो. शशिकला वंजारी ने कहा“मौलाना आज़ाद मेमोरियल लेक्चर भारत की समृद्ध शैक्षिक विरासत और उसके भविष्य के प्रति एहसास की याद दिलाता है। श्री अरविंद जैसे विचारकों के चिंतन को समकालीन दृष्टि से जोड़कर, हमने भारत में शिक्षा की नैतिक और बौद्धिक नींव को सुदृढ़ करने का प्रयास किया है।”

इस आयोजन ने शिक्षाविदों, नीतिनिर्माताओं, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों को एक साथ लाकर ऐसे विचारों पर विचार-विमर्श का अवसर प्रदान किया, जो एक प्रगतिशील और समावेशी समाज के लिए शिक्षा को दिशा देते हैं। एनआईईपीए शिक्षा के क्षेत्र में विचार नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान, प्रशिक्षण और संवाद के माध्यम से भारत के बदलते शैक्षिक परिदृश्य के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। कार्यक्रम के अंत में डॉ. सूर्य नारायण मिश्रा, कुलसचिव, एनआईईपीए ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया

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आरटीएक्स के कॉलिंस एयरोस्पेस ने बैंगलुरू में नया विनिर्माण संयंत्र शुरू किया
कालिंदी महाविद्यालय में फ्रेशर्स डे का रंगारंग कार्यक्रम
ABVP के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रघुराज किशोर, वीरेंद्र सिंह सोलंकी राष्ट्रीय महामंत्री

स्वतंत्र तालीम फाउंडेशन के सह-संस्थापक राहुल ने कहा, “600 से अधिक बच्चों को खुले मन से खेलते देखना अद्भुत था। जब बच्चों से पूछा गया कि उन्हें उत्सव में सबसे अच्छा क्या लगा, तो उन्होंने कहा ‘मुक्त खेल’। सभी बच्चों को खेलने के लिए पर्याप्त अवसर मिलने चाहिए।” उत्सव की प्रमुख झलकियों में से एक थी ‘आर्टिस्ट म्यूज़ियम’। एक अनुभवात्मक और इंटरएक्टिव स्थल, जहाँ बच्चों ने भारत और विश्वभर के कलाकारों की कहानियों और रचनाओं के साथ संवाद किया। इसने रचनात्मकता और प्रेरणा पर नई दृष्टि प्रस्तुत की। शाम के समय कठपुतली प्रस्तुतियाँ सैपलिंग्स, झिलमिल जंक्शन और फ्रेंड्स फॉरएवर तथा बहुप्रतीक्षित ‘पपेट परेड’ ने वातावरण को जीवंत कर दिया। प्रत्येक विद्यालय ने गर्व से अपने बाँस से बने विशाल पशु कठपुतलों को प्रदर्शित किया जो सच-मुच और रूपक दोनों अर्थों में बच्चों की सामूहिक सृजनशीलता की रोशनी से जगमगा रहे थे।

शिक्षकों के लिए विशेष कार्यशाला ‘कठपुतली के माध्यम से सीखना’ विषय पर पार्थ पॉल (बर्दवान द पपेटियर्स) द्वारा संचालित की गई, जिसमें शिक्षकों ने रचनात्मक शिक्षण और कहानी कहने की नई विधियों को समझा। कबीर थिएटर में लगी बच्चों की प्रदर्शनी ने उनकी बढ़ती जिज्ञासा और निर्माण की चाह को सुंदर रूप से अभिव्यक्त किया। साथ ही, यह दिखाया कि कैसे बच्चों की स्वतंत्र खोजों ने शिक्षकों को भी इस रचनात्मक यात्रा का सहभागी बना दिया। इस वर्ष के संस्करण के लिए स्वतंत्र तालीम फाउंडेशन ने बचपन मनाओ (बेंगलुरु स्थित एकस्टेप फाउंडेशन की पहल) के साथ साझेदारी की। बचपन मनाओ पहल का उद्देश्य 0-8 वर्ष के बच्चों के शुरुआती वर्षों में खेल और आनंद के माध्यम से सीखने और विकास का उत्सव मनाना है। यह पहल देशभर में 100 से अधिक “कोलैब-एक्टर्स” के साथ एक बढ़ता हुआ समुदाय है, जो बच्चों के आस-पास के वयस्कों को प्रेरित और सक्षम बनाकर हर बच्चे को समग्र बचपन का अनुभव दिलाने की दिशा में काम कर रहा है।

एकस्टेप फाउंडेशन की नीति एवं साझेदारी निदेशक हिता कुमार ने कहा, “बचपन के पहले आठ वर्ष अत्यंत समृद्ध होते हैं- सबसे तेज़ विकास, सबसे अधिक जिज्ञासा और दुनिया से सहज जुड़ाव का समय। ‘बचपन मनाओ’ इसी सहजता और समृद्धि को समझने और मनाने का एक प्रयास है।” स्वतंत्र तालीम फाउंडेशन की सह-संस्थापक रिद्धि ने कहा, “बुलबुले फेस्टिवल की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे समुदाय मिलकर रचता है, जिसके तहत शिक्षक, अभिभावक, कलाकार, पड़ोसी सभी एक साझा भावना से जुड़ते हैं। यह उत्सव बच्चों द्वारा और बच्चों के लिए जीवंत हुआ है।”

बुलबुले फेस्टिवल 2025 ने यह दर्शाया कि बच्चे खेल के माध्यम से सबसे प्रभावी रूप से सीखते हैं। यह सिर्फ पढ़ाई का नहीं, बल्कि संपूर्ण विकास रचनात्मकता, सामाजिक जुड़ाव, भावनात्मक अभिव्यक्ति और कहानियों के माध्यम से जीवन को समझने का उत्सव बना। एक युवा स्वयंसेवक विजय ने कहा , “मैंने कुछ साल पहले स्वतंत्र तालीम के मेकर्स्पेस में पढ़ाई की थी। आज मैं उसी संस्था के बुलबुले फेस्टिवल में स्वयंसेवक हूँ। अब मैं डिज़ाइन की पढ़ाई कर रहा हूँ और बच्चों के साथ सीखने का यह अनुभव मेरे लिए बेहद प्रेरक रहा।”

संगीत कार्यशाला का संचालन करने वाले तबला गुरु तुषार ने कहा, “बच्चे किसी भी चीज़ से संगीत बना सकते हैं- हाथों, पैरों, यहाँ तक कि अपनी छाती से भी। उनका कल्पनालोक असीमित है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को स्वतंत्र रूप से सीखने और खोजने दें संगीत जैसे माध्यम बच्चे के समग्र विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।” बुलबुले फेस्टिवल 2025 के समापन के साथ ही पूरा परिसर हँसी, संगीत और रचनात्मक ऊर्जा से गूँज उठा। इस उत्सव ने एक बार फिर यह विश्वास जगाया कि जब बच्चों को सृजनकर्ता और विचारक के रूप में स्वीकार किया जाता है, तो वे न केवल कला बल्कि सीखने के मायनों को भी बदल सकते हैं।

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बुलबुले फेस्टिवल 2025: बच्चों की कल्पना, खेल और सृजन का उत्सव

स्वतंत्र तालीम फाउंडेशन के सह-संस्थापक राहुल ने कहा, “600 से अधिक बच्चों को खुले मन से खेलते देखना अद्भुत था। जब बच्चों से पूछा गया कि उन्हें उत्सव में सबसे अच्छा क्या लगा, तो उन्होंने कहा ‘मुक्त खेल’। सभी बच्चों को खेलने के लिए पर्याप्त अवसर मिलने चाहिए।” उत्सव की प्रमुख झलकियों में से एक थी ‘आर्टिस्ट म्यूज़ियम’। एक अनुभवात्मक और इंटरएक्टिव स्थल, जहाँ बच्चों ने भारत और विश्वभर के कलाकारों की कहानियों और रचनाओं के साथ संवाद किया। इसने रचनात्मकता और प्रेरणा पर नई दृष्टि प्रस्तुत की। शाम के समय कठपुतली प्रस्तुतियाँ सैपलिंग्स, झिलमिल जंक्शन और फ्रेंड्स फॉरएवर तथा बहुप्रतीक्षित ‘पपेट परेड’ ने वातावरण को जीवंत कर दिया। प्रत्येक विद्यालय ने गर्व से अपने बाँस से बने विशाल पशु कठपुतलों को प्रदर्शित किया जो सच-मुच और रूपक दोनों अर्थों में बच्चों की सामूहिक सृजनशीलता की रोशनी से जगमगा रहे थे।

शिक्षकों के लिए विशेष कार्यशाला ‘कठपुतली के माध्यम से सीखना’ विषय पर पार्थ पॉल (बर्दवान द पपेटियर्स) द्वारा संचालित की गई, जिसमें शिक्षकों ने रचनात्मक शिक्षण और कहानी कहने की नई विधियों को समझा। कबीर थिएटर में लगी बच्चों की प्रदर्शनी ने उनकी बढ़ती जिज्ञासा और निर्माण की चाह को सुंदर रूप से अभिव्यक्त किया। साथ ही, यह दिखाया कि कैसे बच्चों की स्वतंत्र खोजों ने शिक्षकों को भी इस रचनात्मक यात्रा का सहभागी बना दिया। इस वर्ष के संस्करण के लिए स्वतंत्र तालीम फाउंडेशन ने बचपन मनाओ (बेंगलुरु स्थित एकस्टेप फाउंडेशन की पहल) के साथ साझेदारी की। बचपन मनाओ पहल का उद्देश्य 0-8 वर्ष के बच्चों के शुरुआती वर्षों में खेल और आनंद के माध्यम से सीखने और विकास का उत्सव मनाना है। यह पहल देशभर में 100 से अधिक “कोलैब-एक्टर्स” के साथ एक बढ़ता हुआ समुदाय है, जो बच्चों के आस-पास के वयस्कों को प्रेरित और सक्षम बनाकर हर बच्चे को समग्र बचपन का अनुभव दिलाने की दिशा में काम कर रहा है।

एकस्टेप फाउंडेशन की नीति एवं साझेदारी निदेशक हिता कुमार ने कहा, “बचपन के पहले आठ वर्ष अत्यंत समृद्ध होते हैं- सबसे तेज़ विकास, सबसे अधिक जिज्ञासा और दुनिया से सहज जुड़ाव का समय। ‘बचपन मनाओ’ इसी सहजता और समृद्धि को समझने और मनाने का एक प्रयास है।” स्वतंत्र तालीम फाउंडेशन की सह-संस्थापक रिद्धि ने कहा, “बुलबुले फेस्टिवल की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे समुदाय मिलकर रचता है, जिसके तहत शिक्षक, अभिभावक, कलाकार, पड़ोसी सभी एक साझा भावना से जुड़ते हैं। यह उत्सव बच्चों द्वारा और बच्चों के लिए जीवंत हुआ है।”

बुलबुले फेस्टिवल 2025 ने यह दर्शाया कि बच्चे खेल के माध्यम से सबसे प्रभावी रूप से सीखते हैं। यह सिर्फ पढ़ाई का नहीं, बल्कि संपूर्ण विकास रचनात्मकता, सामाजिक जुड़ाव, भावनात्मक अभिव्यक्ति और कहानियों के माध्यम से जीवन को समझने का उत्सव बना। एक युवा स्वयंसेवक विजय ने कहा , “मैंने कुछ साल पहले स्वतंत्र तालीम के मेकर्स्पेस में पढ़ाई की थी। आज मैं उसी संस्था के बुलबुले फेस्टिवल में स्वयंसेवक हूँ। अब मैं डिज़ाइन की पढ़ाई कर रहा हूँ और बच्चों के साथ सीखने का यह अनुभव मेरे लिए बेहद प्रेरक रहा।”

संगीत कार्यशाला का संचालन करने वाले तबला गुरु तुषार ने कहा, “बच्चे किसी भी चीज़ से संगीत बना सकते हैं- हाथों, पैरों, यहाँ तक कि अपनी छाती से भी। उनका कल्पनालोक असीमित है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को स्वतंत्र रूप से सीखने और खोजने दें संगीत जैसे माध्यम बच्चे के समग्र विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।” बुलबुले फेस्टिवल 2025 के समापन के साथ ही पूरा परिसर हँसी, संगीत और रचनात्मक ऊर्जा से गूँज उठा। इस उत्सव ने एक बार फिर यह विश्वास जगाया कि जब बच्चों को सृजनकर्ता और विचारक के रूप में स्वीकार किया जाता है, तो वे न केवल कला बल्कि सीखने के मायनों को भी बदल सकते हैं।

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अजमान न्यूवेंचर्स सेंटर फ्री ज़ोन ने पहले साल में ही इतिहास रचा
चाँदनी चौक लोकसभा में सशक्त एकता का संदेश- “सरदार@150 यूनिटी मार्च” में उमड़ा जनसागर
भारत की संस्कृति की रक्षा करना ही भारत के संविधान की रक्षा करना है - प्रफुल्ल केतकर 
त्रिवेणी कला संगम में नृत्य-नाट्य ‘विश्वामित्र’ की अद्भुत प्रस्तुति 
विश्व हिन्दू परिषद ने लगया नेहरू प्लेस मार्किट के साथ मिलकर ब्लड डोनेशन कैम्प
सरना ने गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत पर बंदी सिखों की पैरोल की मांग की
वाघ बकरी ने अपने टी लाउंज में परांठा औऱ रोटी रोल, परंपरा और आधुनिक अंदाज़ मे पेश किया

आर्या.एजी के को-फाउंडर और सीईओ प्रसन्न राव ने कहा, "कृषि में तरक्की की बुनियाद 'सहयोग' है। स्मार्ट फार्म सेंटर्स यह दिखाते हैं कि जब तकनीकी विशेषज्ञ, डेटा वैज्ञानिक और स्थानीय समुदाय साथ आते हैं, तो कितना बड़ा बदलाव संभव होता है। ये सेंटर्स साबित करते हैं कि भारत के किसानों की ज़मीनी हकीकत को ध्यान में रखकर साझेदारी के जरिए व्यावहारिक और बड़े स्तर पर अपनाए जा सकने वाले समाधान तैयार किए जा सकते हैं।"

सुमन यादव (सीवीआरपी) ने कहा, "इस साल धान की कटाई दीपावली और छठ पर्व के समय पर आ रही थी, इसलिए कई किसानों ने कटाई टालने का मन बना लिया था। लेकिन, स्मार्ट फार्म सेंटर से मिले मौसम अलर्ट ने पहले से ही हमें आने वाले चक्रवात और बारिश की जानकारी दी। हमने तुरंत किसानों को बताया और उन्होंने समय पर कटाई कर ली, इस फैसले से उनकी पूरी फसल बच गई।"

स्वप्निल सतिंगे (किसान) ने कहा, "स्मार्ट फार्म सेंटर की सलाह से मैंने ज्यादा उपज देने वाली सोयाबीन किस्म अपनाई और बीबीएफ तकनीक से बुवाई की। तकनीक आधारित सुझावों से मुझे फसल प्रबंधन में काफी मदद मिली, जिससे मेरी पैदावार और दाने की गुणवत्ता दोनों बेहतर हुईं। फसल गुणवत्ता की जाँच की सुविधा से मुझे बाजार में प्रीमियम दाम भी मिला।"

स्मार्ट फार्म सेंटर्स सीधे तौर पर आर्या.एजी के व्यापक नेटवर्क- स्टोरेज, फाइनेंस और मार्केट से जुड़े हैं, जिससे खेत से लेकर बाजार तक एक पारदर्शी और जुड़ी हुई वैल्यू चेन बनती है। यह न सिर्फ किसानों की आमदनी को स्थिर बनाती है, बल्कि जोखिम प्रबंधन को बेहतर करती है और छोटे किसानों के लिए दीर्घकालिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त करती है। आने वाले तीन सालों में, आर्या.एजी का लक्ष्य 100 स्मार्ट फार्म सेंटर्स का नेटवर्क स्थापित करने का है।

वर्तमान में आर्या.एजी देशभर में 1,600 से अधिक एफपीओ और 8 लाख से ज्यादा किसानों के साथ काम कर रहा है। यह अपने नेटवर्क में देश के 60% जिलों को कवर करता है, जिसमें 12,000 से अधिक वेयरहाउसेस शामिल हैं। यह हर साल लगभग 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का अनाज एकत्रित करता है और किसानों व उनके संगठनों को करीब 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का क्रेडिट उपलब्ध कराता है।

स्मार्ट फार्म सेंटर्स के जरिए आर्या.एजी (Arya.ag) एक बार फिर यह साबित कर रहा है कि वह भारत का सबसे व्यापक कृषि तंत्र है, जहाँ तकनीक, डेटा और समुदाय की साझेदारी मिलकर छोटे किसानों और उनके संगठनों को एक मजबूत और टिकाऊ भविष्य की दिशा में आगे बढ़ा रही है।

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Arya.ag के स्मार्ट फार्म सेंटर्स से खेत होंगे स्मार्ट

आर्या.एजी के को-फाउंडर और सीईओ प्रसन्न राव ने कहा, "कृषि में तरक्की की बुनियाद 'सहयोग' है। स्मार्ट फार्म सेंटर्स यह दिखाते हैं कि जब तकनीकी विशेषज्ञ, डेटा वैज्ञानिक और स्थानीय समुदाय साथ आते हैं, तो कितना बड़ा बदलाव संभव होता है। ये सेंटर्स साबित करते हैं कि भारत के किसानों की ज़मीनी हकीकत को ध्यान में रखकर साझेदारी के जरिए व्यावहारिक और बड़े स्तर पर अपनाए जा सकने वाले समाधान तैयार किए जा सकते हैं।"

सुमन यादव (सीवीआरपी) ने कहा, "इस साल धान की कटाई दीपावली और छठ पर्व के समय पर आ रही थी, इसलिए कई किसानों ने कटाई टालने का मन बना लिया था। लेकिन, स्मार्ट फार्म सेंटर से मिले मौसम अलर्ट ने पहले से ही हमें आने वाले चक्रवात और बारिश की जानकारी दी। हमने तुरंत किसानों को बताया और उन्होंने समय पर कटाई कर ली, इस फैसले से उनकी पूरी फसल बच गई।"

स्वप्निल सतिंगे (किसान) ने कहा, "स्मार्ट फार्म सेंटर की सलाह से मैंने ज्यादा उपज देने वाली सोयाबीन किस्म अपनाई और बीबीएफ तकनीक से बुवाई की। तकनीक आधारित सुझावों से मुझे फसल प्रबंधन में काफी मदद मिली, जिससे मेरी पैदावार और दाने की गुणवत्ता दोनों बेहतर हुईं। फसल गुणवत्ता की जाँच की सुविधा से मुझे बाजार में प्रीमियम दाम भी मिला।"

स्मार्ट फार्म सेंटर्स सीधे तौर पर आर्या.एजी के व्यापक नेटवर्क- स्टोरेज, फाइनेंस और मार्केट से जुड़े हैं, जिससे खेत से लेकर बाजार तक एक पारदर्शी और जुड़ी हुई वैल्यू चेन बनती है। यह न सिर्फ किसानों की आमदनी को स्थिर बनाती है, बल्कि जोखिम प्रबंधन को बेहतर करती है और छोटे किसानों के लिए दीर्घकालिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त करती है। आने वाले तीन सालों में, आर्या.एजी का लक्ष्य 100 स्मार्ट फार्म सेंटर्स का नेटवर्क स्थापित करने का है।

वर्तमान में आर्या.एजी देशभर में 1,600 से अधिक एफपीओ और 8 लाख से ज्यादा किसानों के साथ काम कर रहा है। यह अपने नेटवर्क में देश के 60% जिलों को कवर करता है, जिसमें 12,000 से अधिक वेयरहाउसेस शामिल हैं। यह हर साल लगभग 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का अनाज एकत्रित करता है और किसानों व उनके संगठनों को करीब 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का क्रेडिट उपलब्ध कराता है।

स्मार्ट फार्म सेंटर्स के जरिए आर्या.एजी (Arya.ag) एक बार फिर यह साबित कर रहा है कि वह भारत का सबसे व्यापक कृषि तंत्र है, जहाँ तकनीक, डेटा और समुदाय की साझेदारी मिलकर छोटे किसानों और उनके संगठनों को एक मजबूत और टिकाऊ भविष्य की दिशा में आगे बढ़ा रही है।

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कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. निकिता सभरवाल, निदेशक, प्रांगण प्रशिक्षण और कौशल विकास केंद्र द्वारा कक्षा से कॉर्पोरेट यात्रा विषय पर एक आकर्षक सत्र की शुरुआत करते हुए विद्यार्थियों से करियर की तैयारी, कार्यस्थल की अपेक्षाओं और अकादमिक जीवन से पेशेवर दुनिया में संक्रमण में व्यावहारिक अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने बताया कि हमें अपना करियर चयन से पूर्व आवश्यक है कि सरकारी संस्थानों व गैर- सरकारी संस्थानों में किस कोर्स की ज्यादा मांग है । लेकिन आपको सबसे पहले किसी भी कोर्स की शिक्षा बहुत जरूरी है , शिक्षा ही आपके जीवन में बदलाव लाएगी ।कार्यक्रम की समन्वयक सुश्री मिन्नी नारंग ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और छात्रों के लिए निरंतर परामर्श और परामर्श के अवसर प्रदान करने के लिए सेल की प्रतिबद्धता को दोहराया। इस पहल को छात्रों और संकाय सदस्यों से उत्साही प्रतिक्रिया मिली, समग्र शिक्षा, भावनात्मक कल्याण और करियर सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए अरबिंदो कॉलेज के समर्पण की पुष्टि की।

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विद्यार्थी दबाव में करियर का चयन न करें : प्रो.अरुण चौधरी

कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. निकिता सभरवाल, निदेशक, प्रांगण प्रशिक्षण और कौशल विकास केंद्र द्वारा कक्षा से कॉर्पोरेट यात्रा विषय पर एक आकर्षक सत्र की शुरुआत करते हुए विद्यार्थियों से करियर की तैयारी, कार्यस्थल की अपेक्षाओं और अकादमिक जीवन से पेशेवर दुनिया में संक्रमण में व्यावहारिक अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने बताया कि हमें अपना करियर चयन से पूर्व आवश्यक है कि सरकारी संस्थानों व गैर- सरकारी संस्थानों में किस कोर्स की ज्यादा मांग है । लेकिन आपको सबसे पहले किसी भी कोर्स की शिक्षा बहुत जरूरी है , शिक्षा ही आपके जीवन में बदलाव लाएगी ।कार्यक्रम की समन्वयक सुश्री मिन्नी नारंग ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और छात्रों के लिए निरंतर परामर्श और परामर्श के अवसर प्रदान करने के लिए सेल की प्रतिबद्धता को दोहराया। इस पहल को छात्रों और संकाय सदस्यों से उत्साही प्रतिक्रिया मिली, समग्र शिक्षा, भावनात्मक कल्याण और करियर सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए अरबिंदो कॉलेज के समर्पण की पुष्टि की।

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अमित शाह करेंगे एनएएफसीयूबी के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “को-ऑप कुंभ 2025” का उद्घाटन

मुख्य अतिथि और प्रसिद्ध उद्योगपति, एस. के. पोद्दार ने कहा: "डॉ. अग्रवाल ने स्वास्थ्य शिक्षा को एक ऐसे आंदोलन में बदल दिया जिसने हर घर को छुआ। परफेक्ट हेल्थ मेला एक आयोजन से कहीं बढ़कर है, यह उनकी जीवंत विरासत है। आज छात्रों को इतनी रचनात्मकता और दृढ़ विश्वास के साथ उनके आदर्शों को आगे बढ़ाते देखना एक सशक्त अनुस्मारक है कि उनकी आत्मा आज भी हमारा मार्गदर्शन करती है।"

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया की ट्रस्टी, डॉ. वीना अग्रवाल ने कहा: "डॉ. के. के. अग्रवाल के लिए, स्वास्थ्य केवल बीमारी का अभाव नहीं था; यह शरीर, मन और आत्मा का सामंजस्य था। युवा छात्रों को कला और जागरूकता के माध्यम से उस संतुलन को साकार करते देखना, निवारक और करुणामयी स्वास्थ्य सेवा के उनके मिशन के प्रति सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है।"

होली फैमिली कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल डॉ. (सीनियर) रमिंदर कालरा ने कहा, "इस आयोजन की सह-मेजबानी ने हमारे छात्रों को स्वास्थ्य सेवा के पीछे के उद्देश्य सेवा, सहानुभूति और सहयोग का अनुभव करने का अवसर दिया है। यह मेला उन्हें उस उद्देश्य को उन तरीकों से व्यक्त करने का मंच प्रदान करता है जो उनकी पीढ़ी को सूचित और प्रेरित करते हैं।"

पहले दिन दिल्ली-एनसीआर के 20 से अधिक कॉलेजों के 800 से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और 1500 से अधिक दर्शकों को आकर्षित किया। संगीत, नृत्य, रंगमंच और नवाचार के माध्यम से, प्रतिभागियों ने जटिल स्वास्थ्य समस्याओं को रचनात्मक अभिव्यक्तियों में ढाला, जिसने जानकारी और मनोरंजन दोनों को समान रूप से प्रभावित किया।

कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ:

लोक नृत्य (समूह): भारत की सांस्कृतिक विविधता और जीवंतता का एक रंगारंग प्रदर्शन।

बॉलीवुड गायन (समूह): आशा और उपचार के गीतों पर प्रस्तुतियाँ, निर्णायक मंडल में वंदना वशिष्ठ और सुजीत गुप्ता शामिल थे।

मोनो एक्टः साइबरबुलिंग और सोशल मीडिया के दबाव पर सम्मोहक चित्रण, शिव कुमार कोहली और इंदु आहूजा द्वारा मूल्यांकन।

स्टैंड-अप कॉमेडी फॉर अ कॉज़ः डॉक्टर गूगल एमबीबीएस इन कन्फ्यूजन पर हास्यपूर्ण प्रस्तुति, निर्णायकः दिव्या और मीना रावत।

नुक्कड़ नाटक / नुक्कड़ नाटकः डिजिटल दुनिया के आभासी जालः लाइक्स बनाम लाइफ पर प्रभावशाली प्रदर्शन, निर्णायकः डॉ. सैयद नज़म इकबाल और निर्मल वैद।

नवाचार मॉडल निर्माणः स्वास्थ्य निगरानी और पहनने योग्य तकनीक पर छात्र प्रोटोटाइप, मूल्यांकनः डॉ. अनिल कुमार और नीरज त्यागी।

प्रत्येक कार्यक्रम ने सभी के लिए संपूर्ण स्वास्थ्य शरीर, मन और आत्मा का पोषण, रचनात्मकता को सार्थक सामाजिक संदेश के साथ सम्मिश्रित करते हुए, के सार को दर्शाया।

दूसरे दिन शास्त्रीय और पश्चिमी नृत्य प्रस्तुतियाँ, पहनने योग्य स्वास्थ्य उपकरणों और गोपनीयता।

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31 वां परफेक्ट हेल्थ मेला कॉलेज संस्करण 2025 प्रेरणा, प्रभाव और युवा उत्साह के साथ शुरू

मुख्य अतिथि और प्रसिद्ध उद्योगपति, एस. के. पोद्दार ने कहा: "डॉ. अग्रवाल ने स्वास्थ्य शिक्षा को एक ऐसे आंदोलन में बदल दिया जिसने हर घर को छुआ। परफेक्ट हेल्थ मेला एक आयोजन से कहीं बढ़कर है, यह उनकी जीवंत विरासत है। आज छात्रों को इतनी रचनात्मकता और दृढ़ विश्वास के साथ उनके आदर्शों को आगे बढ़ाते देखना एक सशक्त अनुस्मारक है कि उनकी आत्मा आज भी हमारा मार्गदर्शन करती है।"

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया की ट्रस्टी, डॉ. वीना अग्रवाल ने कहा: "डॉ. के. के. अग्रवाल के लिए, स्वास्थ्य केवल बीमारी का अभाव नहीं था; यह शरीर, मन और आत्मा का सामंजस्य था। युवा छात्रों को कला और जागरूकता के माध्यम से उस संतुलन को साकार करते देखना, निवारक और करुणामयी स्वास्थ्य सेवा के उनके मिशन के प्रति सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है।"

होली फैमिली कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल डॉ. (सीनियर) रमिंदर कालरा ने कहा, "इस आयोजन की सह-मेजबानी ने हमारे छात्रों को स्वास्थ्य सेवा के पीछे के उद्देश्य सेवा, सहानुभूति और सहयोग का अनुभव करने का अवसर दिया है। यह मेला उन्हें उस उद्देश्य को उन तरीकों से व्यक्त करने का मंच प्रदान करता है जो उनकी पीढ़ी को सूचित और प्रेरित करते हैं।"

पहले दिन दिल्ली-एनसीआर के 20 से अधिक कॉलेजों के 800 से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और 1500 से अधिक दर्शकों को आकर्षित किया। संगीत, नृत्य, रंगमंच और नवाचार के माध्यम से, प्रतिभागियों ने जटिल स्वास्थ्य समस्याओं को रचनात्मक अभिव्यक्तियों में ढाला, जिसने जानकारी और मनोरंजन दोनों को समान रूप से प्रभावित किया।

कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ:

लोक नृत्य (समूह): भारत की सांस्कृतिक विविधता और जीवंतता का एक रंगारंग प्रदर्शन।

बॉलीवुड गायन (समूह): आशा और उपचार के गीतों पर प्रस्तुतियाँ, निर्णायक मंडल में वंदना वशिष्ठ और सुजीत गुप्ता शामिल थे।

मोनो एक्टः साइबरबुलिंग और सोशल मीडिया के दबाव पर सम्मोहक चित्रण, शिव कुमार कोहली और इंदु आहूजा द्वारा मूल्यांकन।

स्टैंड-अप कॉमेडी फॉर अ कॉज़ः डॉक्टर गूगल एमबीबीएस इन कन्फ्यूजन पर हास्यपूर्ण प्रस्तुति, निर्णायकः दिव्या और मीना रावत।

नुक्कड़ नाटक / नुक्कड़ नाटकः डिजिटल दुनिया के आभासी जालः लाइक्स बनाम लाइफ पर प्रभावशाली प्रदर्शन, निर्णायकः डॉ. सैयद नज़म इकबाल और निर्मल वैद।

नवाचार मॉडल निर्माणः स्वास्थ्य निगरानी और पहनने योग्य तकनीक पर छात्र प्रोटोटाइप, मूल्यांकनः डॉ. अनिल कुमार और नीरज त्यागी।

प्रत्येक कार्यक्रम ने सभी के लिए संपूर्ण स्वास्थ्य शरीर, मन और आत्मा का पोषण, रचनात्मकता को सार्थक सामाजिक संदेश के साथ सम्मिश्रित करते हुए, के सार को दर्शाया।

दूसरे दिन शास्त्रीय और पश्चिमी नृत्य प्रस्तुतियाँ, पहनने योग्य स्वास्थ्य उपकरणों और गोपनीयता।

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ओडिशा सरकार की आरई नोडल एजेंसी के प्रमुख, देबाशीष दास, ने राज्य के स्वच्छ ऊर्जा बदलाव की अनिवार्यता को रेखांकित किया। श्री दास ने कहा: "ओडिशा विकसित ओडिशा 2026 और विकसित भारत 2047 के साथ संरेखित ओडिशा अक्षय ऊर्जा नीति के तहत परिवर्तन के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। हम अपने 2.25 लाख वर्ग किलोमीटर के जल जलाशयों में फ्लोटिंग सौर परियोजनाओं और पंप स्टोरेज अवसरों के माध्यम से अक्षय ऊर्जा को प्राथमिकता दे रहे हैं। हमारा विज़न ओडिशा में ऊर्जा को किफायती, सुलभ और टिकाऊ बनाना है, जिससे राज्य भारत के अक्षय ऊर्जा परिदृश्य में पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित हो सके।"

द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट की महानिदेशक, डॉ. विभा धवन, ने भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। डॉ. धवन ने कहा: "भारत पहले ही 127 गीगावाट की स्थापित सौर क्षमता हासिल कर चुका है और 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ रहा है। यह उपलब्धि स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में भारत के नेतृत्व को उजागर करती है।राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, सौर और बैटरी निर्माण के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, और राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन जैसी पहलों के साथ, सरकार एक मजबूत घरेलू मूल्य शृंखला को बढ़ावा दे रही है। टेरी में, दशकों से किए गए अनुसंधान, क्षमता निर्माण और साझेदारियों का उद्देश्य भारत की अनुमानित 10,800 GW सौर क्षमता को साकार करना और ग्रामीण विकास को गति देने वाले एग्री-फोटोवोल्टिक मॉडल को आगे बढ़ाना रहा है। अब ध्यान स्थिरता को औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता और समावेशी विकास के एक रणनीतिक प्रवर्तक के रूप में देखने की ओर केंद्रित होना चाहिए।"

इन्फॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक, योगेश मुद्रास, ने सह-स्थित एक्सपो पर अपने विचार साझा किए और महत्वपूर्ण निवेशों पर जोर दिया। श्री मुद्रस ने कहा: "भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्षमता 2025 में 250 गीगावाट को पार कर गई है, और 2030 तक 500 गीगावाट का लक्ष्य है। विद्युत मंत्रालय ने 30 GWh बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों (BESS) के लिए ₹5,400 करोड़ की व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (VGF) योजना को मंजूरी दी है, जिससे 2028 तक ₹33,000 करोड़ का निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है। रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो और बैटरी शो इंडिया जो अपना अब तक का सबसे बड़ा संस्करण मना रहे हैं, नवाचार, नीति अंतर्दृष्टि और क्रॉस-सेक्टरल सहयोग के एक संगम के रूप में इस विकास को आगे बढ़ाने की कुंजी हैं।"

आरईआई 2025 एक्सपो में 700 से अधिक प्रदर्शकों, 1,000 ब्रांडों और 250 वैश्विक विचारकों ने भाग लिया, जिसने तीन दिनों में 35,000 से अधिक आगंतुकों को आकर्षित किया। एक्सपो में सौर विनिर्माण, बैटरी स्टोरेज, EV चार्जिंग और पवन ऊर्जा सहित अक्षय प्रौद्योगिकियों की पूरी श्रृंखला प्रदर्शित हुई। द बैटरी शो इंडिया जिसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और भारी उद्योग मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है, में 350 से अधिक प्रदर्शक और 20,000 पेशेवर शामिल हुए, जिसने भारत को स्वच्छ ऊर्जा के पावरहाउस के रूप में मजबूत किया। इस आयोजन में जर्मनी, चीन, जापान जैसे देशों के पवेलियनों के साथ-साथ रिलायंस, अडाणी सोलर, गोल्डि सोलर, हैवल्स, वारी सोलर और विक्रम सोलर जैसी प्रमुख कंपनियों ने अपने अत्याधुनिक नवाचारों का प्रदर्शन किया।

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ग्रेटर नोएडा में रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो 2025 और बैटरी शो इंडिया का भव्य आगाज: भारत के स्वच्छ

ओडिशा सरकार की आरई नोडल एजेंसी के प्रमुख, देबाशीष दास, ने राज्य के स्वच्छ ऊर्जा बदलाव की अनिवार्यता को रेखांकित किया। श्री दास ने कहा: "ओडिशा विकसित ओडिशा 2026 और विकसित भारत 2047 के साथ संरेखित ओडिशा अक्षय ऊर्जा नीति के तहत परिवर्तन के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। हम अपने 2.25 लाख वर्ग किलोमीटर के जल जलाशयों में फ्लोटिंग सौर परियोजनाओं और पंप स्टोरेज अवसरों के माध्यम से अक्षय ऊर्जा को प्राथमिकता दे रहे हैं। हमारा विज़न ओडिशा में ऊर्जा को किफायती, सुलभ और टिकाऊ बनाना है, जिससे राज्य भारत के अक्षय ऊर्जा परिदृश्य में पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित हो सके।"

द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट की महानिदेशक, डॉ. विभा धवन, ने भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला। डॉ. धवन ने कहा: "भारत पहले ही 127 गीगावाट की स्थापित सौर क्षमता हासिल कर चुका है और 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ रहा है। यह उपलब्धि स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में भारत के नेतृत्व को उजागर करती है।राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, सौर और बैटरी निर्माण के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, और राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन जैसी पहलों के साथ, सरकार एक मजबूत घरेलू मूल्य शृंखला को बढ़ावा दे रही है। टेरी में, दशकों से किए गए अनुसंधान, क्षमता निर्माण और साझेदारियों का उद्देश्य भारत की अनुमानित 10,800 GW सौर क्षमता को साकार करना और ग्रामीण विकास को गति देने वाले एग्री-फोटोवोल्टिक मॉडल को आगे बढ़ाना रहा है। अब ध्यान स्थिरता को औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता और समावेशी विकास के एक रणनीतिक प्रवर्तक के रूप में देखने की ओर केंद्रित होना चाहिए।"

इन्फॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक, योगेश मुद्रास, ने सह-स्थित एक्सपो पर अपने विचार साझा किए और महत्वपूर्ण निवेशों पर जोर दिया। श्री मुद्रस ने कहा: "भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्षमता 2025 में 250 गीगावाट को पार कर गई है, और 2030 तक 500 गीगावाट का लक्ष्य है। विद्युत मंत्रालय ने 30 GWh बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों (BESS) के लिए ₹5,400 करोड़ की व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (VGF) योजना को मंजूरी दी है, जिससे 2028 तक ₹33,000 करोड़ का निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है। रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो और बैटरी शो इंडिया जो अपना अब तक का सबसे बड़ा संस्करण मना रहे हैं, नवाचार, नीति अंतर्दृष्टि और क्रॉस-सेक्टरल सहयोग के एक संगम के रूप में इस विकास को आगे बढ़ाने की कुंजी हैं।"

आरईआई 2025 एक्सपो में 700 से अधिक प्रदर्शकों, 1,000 ब्रांडों और 250 वैश्विक विचारकों ने भाग लिया, जिसने तीन दिनों में 35,000 से अधिक आगंतुकों को आकर्षित किया। एक्सपो में सौर विनिर्माण, बैटरी स्टोरेज, EV चार्जिंग और पवन ऊर्जा सहित अक्षय प्रौद्योगिकियों की पूरी श्रृंखला प्रदर्शित हुई। द बैटरी शो इंडिया जिसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और भारी उद्योग मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है, में 350 से अधिक प्रदर्शक और 20,000 पेशेवर शामिल हुए, जिसने भारत को स्वच्छ ऊर्जा के पावरहाउस के रूप में मजबूत किया। इस आयोजन में जर्मनी, चीन, जापान जैसे देशों के पवेलियनों के साथ-साथ रिलायंस, अडाणी सोलर, गोल्डि सोलर, हैवल्स, वारी सोलर और विक्रम सोलर जैसी प्रमुख कंपनियों ने अपने अत्याधुनिक नवाचारों का प्रदर्शन किया।

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भारत की प्रो रेसलिंग लीग 2026 में शानदार वापसी के लिए तैयार
21 अक्टूबर को आजादी की घोषणा का दिवस घोषित किया जाए
तिहाड़ जेल के बाहर बंदी सिंघों की रिहाई के लिए हुई अरदास
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ग्रीन पटाखों की इजाजत पर मार्केट में खरीदारों की रौनक बढ़ेगी - परमजीत सिंह पम्मा

Adding a competitive edge to Branch Banking services, Express Banking will offer a bundled, customizable solution in a compact digital lobby format, enabling rapid deployment that can be operated in both self-service and assisted modes. The customers can now walk-in to Express Banking, 24x7, to open new bank accounts, avail instant cards, book fixed deposits, apply for loans and pay utility bills, among others. This all-in-one solution includes features such as a card printer, cheque depositor, passbook printer, and NFC capabilities. By digitizing key services, it enables faster processing and offers advanced, modular, scalable, and future-ready capabilities.

Blending the trust and safety of traditional banking with the speed and efficiency of digital innovation, Digital Banking Point is equipped with the latest security features and a contemporary, intuitive user interface that elevates customer experience. With a compact and flexible set-up, it occupies minimal space and can be rapidly deployed across diverse places including city centres, rural areas, or captive locations such as community hubs, corporate parks, hospitals and universities. This next-generation solution brings a full spectrum of banking services with accessible digital-first touchpoints, ensuring inclusivity for everyone from digitally savvy users to first-time banking customers.

Commenting on the launch, Reynold D’Souza, President & Head - Branch Banking, North & East & TASC Business, Axis Bank, said, “The Digital Banking Point is not just a technological innovation — it represents a new philosophy in express banking. By seamlessly integrating secure digital services, this kiosk ensures that customers across India — whether in metropolitan hubs or rural communities — enjoy a smart, consistent, and reliable banking experience. This initiative reflects our continued commitment to redefining banking, elevating customer experience, and serving the evolving needs of diverse segments through future-ready solutions.”

Sumil Vikamsey, Managing Director & Chief Executive Officer - Cash Business, Hitachi Payment Services, further added , “We are thrilled to introduce India’s first Digital Banking Point, a landmark in how banking services will be delivered. Ushering in a new era of technology-driven banking, it will play a pivotal role in expanding access and digitizing services across India. As we continue to bridge the gap between traditional and digital banking, we believe that the Digital Banking Point will set the stage for a broader transition to accessible and convenient banking experiences in India.”

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Axis Bank launches India’s first Digital Banking Point with Hitachi

Adding a competitive edge to Branch Banking services, Express Banking will offer a bundled, customizable solution in a compact digital lobby format, enabling rapid deployment that can be operated in both self-service and assisted modes. The customers can now walk-in to Express Banking, 24x7, to open new bank accounts, avail instant cards, book fixed deposits, apply for loans and pay utility bills, among others. This all-in-one solution includes features such as a card printer, cheque depositor, passbook printer, and NFC capabilities. By digitizing key services, it enables faster processing and offers advanced, modular, scalable, and future-ready capabilities.

Blending the trust and safety of traditional banking with the speed and efficiency of digital innovation, Digital Banking Point is equipped with the latest security features and a contemporary, intuitive user interface that elevates customer experience. With a compact and flexible set-up, it occupies minimal space and can be rapidly deployed across diverse places including city centres, rural areas, or captive locations such as community hubs, corporate parks, hospitals and universities. This next-generation solution brings a full spectrum of banking services with accessible digital-first touchpoints, ensuring inclusivity for everyone from digitally savvy users to first-time banking customers.

Commenting on the launch, Reynold D’Souza, President & Head - Branch Banking, North & East & TASC Business, Axis Bank, said, “The Digital Banking Point is not just a technological innovation — it represents a new philosophy in express banking. By seamlessly integrating secure digital services, this kiosk ensures that customers across India — whether in metropolitan hubs or rural communities — enjoy a smart, consistent, and reliable banking experience. This initiative reflects our continued commitment to redefining banking, elevating customer experience, and serving the evolving needs of diverse segments through future-ready solutions.”

Sumil Vikamsey, Managing Director & Chief Executive Officer - Cash Business, Hitachi Payment Services, further added , “We are thrilled to introduce India’s first Digital Banking Point, a landmark in how banking services will be delivered. Ushering in a new era of technology-driven banking, it will play a pivotal role in expanding access and digitizing services across India. As we continue to bridge the gap between traditional and digital banking, we believe that the Digital Banking Point will set the stage for a broader transition to accessible and convenient banking experiences in India.”

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विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय छात्रों से की बातचीत
दिल्ली में हरियाणा युवा कांग्रेस का ज़ोरदार प्रदर्शन, केरल के आनंद को न्याय दिलाने की मांग तेज़
विंडर्जी इंडिया 2025 का चेन्नई में होगा आयोजन, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी करेंगे उद्घाटन
सर सय्यद एकल नाटक का होगा मंचन : तहसीन मुनव्वर धारेंगे सर सय्यद का रूप
MATTER unveils “The 22nd Century Smart Ownership Plans” this Diwali
क्रिश्चियन पीस मिशन’ का शांति मार्च, अलका लांबा ने किया शुभारंभ

मुख्य अतिथि मीरा और मुज़फ़्फ़र अली ने इस कार्यक्रम का स्मरण किया और गुरु दत्त की काव्यात्मक और सिनेमाई प्रतिभा की सराहना की, साथ ही इस श्रद्धांजलि के पीछे के विचारशील प्रयास को भी याद किया, जिसने कहानी, संगीत और स्मृति के माध्यम से उनकी आत्मा को पुनर्जीवित किया। इस शाम में रोमी देव, रसील और नवीन अंसल, अर्चना डालमिया, आभा डालमिया, कथक नृत्यांगना शिवानी वर्मा, रेनी जॉय और कई अन्य प्रतिष्ठित अतिथि भी मौजूद थे, जो इस कलात्मक श्रद्धांजलि का जश्न मनाने के लिए एक साथ आए थे।

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दास्तान-ए-गुरू दत्त : सिनेमा जगत के दिग्गजों को संगीतमय श्रद्धांजलि

मुख्य अतिथि मीरा और मुज़फ़्फ़र अली ने इस कार्यक्रम का स्मरण किया और गुरु दत्त की काव्यात्मक और सिनेमाई प्रतिभा की सराहना की, साथ ही इस श्रद्धांजलि के पीछे के विचारशील प्रयास को भी याद किया, जिसने कहानी, संगीत और स्मृति के माध्यम से उनकी आत्मा को पुनर्जीवित किया। इस शाम में रोमी देव, रसील और नवीन अंसल, अर्चना डालमिया, आभा डालमिया, कथक नृत्यांगना शिवानी वर्मा, रेनी जॉय और कई अन्य प्रतिष्ठित अतिथि भी मौजूद थे, जो इस कलात्मक श्रद्धांजलि का जश्न मनाने के लिए एक साथ आए थे।

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मेरा युवा भारत दक्षिणी दिल्ली ने आयोजित की ब्लॉक स्तरीय खेल प्रतियोगिता
“मेरा युवा भारत” ने जगाई खेल भावना, ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता सफलतापूर्वक संपन्न
वृक्ष एक संगठन फाउंडेशन का स्वास्थ्य शिविर संपन्न
'एनडीए उम्मीदवारों को बिहार का व्यापारी समाज पूर्ण समर्थन देगा'
आया नगर में 12 वर्षों से निरंतर भक्ति की गूँज, एकादश अखंड संकीर्तन एवं भंडारे का भव्य आयोजन
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आप के वरिष्ठ नेता रमेश अम्बावता ने दी रक्षाबंधन की शुभकामनाएं
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  • मैरिको ने लॉन्च किया निहार नेचुरल्स शांति एलोवेरा आँवला हेयर ऑयल

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