स्वतंत्रता समानता और बन्धुत्व संविधान का मूल है : डॉ. कृष्ण गोपाल 

By: Dilip Kumar
4/16/2024 7:35:53 PM
नई दिल्ली

कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। 'विकसित भारत 2047' व्याख्यानमाला के अंतर्गत दिल्ली विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज में डॉ. भीमराव अम्बेडकर सेंटर के सहयोग से एकदिवसीय कार्यक्रम का अयोजन किया गया। कार्यक्रम के विषय ‘डॉ. भीमराव अम्बेडकर के संविधान सभा में अंतिम भाषण’ पर मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने अपनी बात रखी। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं विश्वविद्यालय के कुलगीत से की गई। कॉलेज के प्राचार्य प्रो. नरेंद्र सिंह ने डॉ. कृष्ण गोपाल का परिचय देते हुए उन्हें राष्ट्र के प्रति समर्पित सेवक कहा। डॉ. कृष्ण गोपाल ने संविधान सभा में दिए डॉ. अम्बेडकर के अंतिम भाषण पर विस्तार से चर्चा करते हुए उसकी प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर मानते थे कि संविधान को व्यवहार में लाना चाहिए। समता, स्वतंत्रता और बंधुत्व की भावना को संविधान का मूल कहा।

इस भाषण में अंबेडकर ने भारतीय संविधान में हुए राज्य एवं केंद्र के मध्य शक्ति के बंटवारे पर भी चर्चा की। साथ ही उन्होंने भारत में लोकतंत्र की प्राचीनता का वर्णन भी किया। डॉ. कृष्ण गोपाल ने स्वतंत्रा, बंधुता, समानता तीनों के महत्व का वर्णन करते हुए लोकतंत्र में इनके योगदान की चर्चा की। इस अवसर पर उन्होंने अम्बेडकर के जीवन संघर्ष की भी संक्षिप्त और सारगर्भित चर्चा की। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक डॉ. मनीष कुमार ने दिया। कार्यक्रम का संचालन 'विकसित भारत 2047' की नोडल अधिकारी डॉ. सायमा ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्र-गान से हुआ।


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