डीयू में शुरू हुआ सेंटेनरी ई-बुक कलेक्शन एंड डिजिटल आर्काइव

By: Dilip Kumar
6/8/2023 2:37:18 PM

कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। दिल्ली विश्वविद्यालय लाइब्रेरी सिस्टम द्वारा सेंटेनरी ई-बुक कलेक्शन एंड डिजिटल आर्काइव की लांचिंग मंगलवार को विश्वविद्यालय के कॉन्फ्रेंस सेंटर में की गई। इस अवसर पर बतौर मुख्यातिथि पहुंचे कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि पुस्तकालय विश्वविद्यालयों के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होने कहा कि ई-संसाधनों के रूप में अब बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। आज विद्यार्थी प्रिंटेड पुस्तकों को पढ़ने के साथ ई-पुस्तकों को पढ़ना काफी सुविधाजनक मानते हैं; इसलिए हमें अपनी धारणाओं को बदलना होगा।

विश्वविद्यालयों के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं पुस्तकालय: प्रो. योगेश सिंह

कुलपति ने कहा कि पिछले 20-30 वर्षों में इंटरनेट ने कार्य व्यवहार में काफी बदलाव किए हैं। बैंकिंग सिस्टम में यूपीआई जैसा मोबाइल ट्रांजेक्शन सिस्टम क्रांतिकारी साबित हुआ है। यूपीआई ट्रांजैक्शन में भारत दुनिया में सबसे अग्रणी देश बनकर उभरा है। उन्होने कहा कि हमें लाइब्रेरी सिस्टम में भी चीजों को इसी प्रकार बदलना होगा ताकि कोई कहीं से भी लाइब्रेरी संसाधनों का इस्तेमाल कर सके।

प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि जब ई-जर्नल्स की अवधारणा आई तो कई शिक्षाविद इसके प्रति अधिक सुगमता अनुभव नहीं कर रहे थे, लेकिन अब धारणा बदल चुकी है। ई-जर्नल्स और प्रिंटेड-जर्नल्स में कोई अंतर नहीं है; यह मात्र माध्यम है। इसलिए हमें बदलते वक्त और बदलती तकनीक के साथ अपनी अवधारणाओं को बदलना होगा। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय ने ई-संसाधनों के लिए वित्तीय प्रावधान किए हैं। उन्होने बताया कि विश्वविद्यालय ने लाइब्रेरी के विस्तार और निर्माण कार्यों के लिए भी 110 करोड़ रुपए का फंड स्वीकृत किया है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने जा रहे हैं। उन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों के लाइब्रेरियनों से आह्वान किया कि वह विश्वविद्यालय की इन सुविधाओं के बारे में जागरूकता के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करें।

कार्यक्रम के आरंभ में आईओई के सीईओ प्रो. राजीव गुप्ता और एससीईआर की चेयरपर्सन प्रो. नीता सहगल ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में दिल्ली विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन डॉ. राजेश सिंह द्वारा सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता, शताब्दी समारोह समिति की संयोजक प्रो. नीरा अग्निमित्रा, आईओई के सीईओ प्रो. राजीव गुप्ता और एससीईआर की चेयरपर्सन प्रो. नीता सहगल सहित अनेकों डीन, विभागाध्यक्ष, निदेशक और प्रिंसिपल आदि भी उपस्थित रहे। दूसरे सत्र में तकनीकी सत्र के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय में ई-पुस्तकों और अन्य डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता और पहुंच पर चर्चा हुई।

17 लाख से अधिक दस्तावेजों का संग्रह है डीयूएलएस

दिल्ली विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय पुस्तकालय प्रणाली (डीयूएलएस) दोनों परिसरों में फैले संसाधनों और सेवाओं की एक विस्तृत प्रणाली है। इसमें पुस्तकों, प्रिंट पत्रिकाओं, मोनोग्राफ, थीसिस और अन्य संसाधनों से युक्त 17 लाख से अधिक दस्तावेजों का उल्लेखनीय संग्रह है। प्रमुख पुस्तकालयों, विभागीय पुस्तकालयों और विशेष पुस्तकालयों सहित 33 इकाइयाँ संसाधनों और सेवाओं तक पहुँच प्रदान कर रही हैं।

उन्होने बताया कि डीयूएलएस द्वारा वर्ष 2023 में विश्व के 9 प्रतिष्ठित प्रकाशकों से विषय संग्रह प्राप्त किए गए हैं और विश्वविद्यालय की डिजिटल पुस्तकालय सेवाओं को मजबूत करने के लिए 83000 से अधिक ई-बुक्स और डिजिटल अभिलेखागार को शताब्दी संग्रह के रूप में जोड़ा गया है। विश्वविद्यालय ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, ब्लूमबर्ग, एसएजीई पब्लिशिंग, टेलर एंड फ्रांसिस, एल्सेवियर, स्प्रिंगर नेचर और विली ऑनलाइन बुक्स आदि प्रकाशकों से विषय संग्रह और डिजिटल अभिलेखागार प्राप्त किए हैं।


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