धूमधाम से मनाई गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, भजनों पर थिरकते रहे श्रद्धालु

By: Imran Choudhray
9/10/2023 12:45:50 PM
गुरुग्राम

हरे कृष्ण मूवमेंट द्वारा बुधवार को ए डॉट कान्वेंशन्स एंबियंस गोल्फ ड्राइव डीएलएफ फेज 3 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूरी श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। पूरा कार्यक्रम स्थल नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, यसोदा नंदन की जय, माखन चोर की जय, हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की, बोलो बांके बिहारी लाल की आदि जयघोष से गूंजते रहे। हॉल में सजी झांकियों, नृत्य व भजन मंडलियों ने माहौल को पूरी तरह से श्रीकृष्णमय बनाए रखा। लड्डू गोपाल अभिषेक के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई। श्रद्धालुओं ने श्री राधा कृष्ण को झूला झुलाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

इस दौरान श्रद्धालुओं ने विशेष महाभिषेक में बढ़चढ़ कर भाग लिया। सबसे पहले पंचामृत अभिषेक तदुपरांत फलोदक अभिषेक, गंधोतक अभिषेक, औषधियों यानि जड़ी-बूटियों से अभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान को हल्दी का लेप लगाया गया और आरती की गई। इसके बाद 108 कलश शुद्धोतक अभिषेक और फिर 9 विशेष कलश अभिषेक ,अंत में भगवान का पुष्पाभिषेक किया गया। सभी प्रकार के अभिषेक संपन्न होने के बाद भगवान ने नए पोशाक धारण किए। भगवान को महाभोग लगाया गया।

ध्रुव शर्मा के भजनों पर झूमें भक्तगण

इस मौके पर ध्रुव शर्मा की भजन मंडली ने श्री कृष्ण लीला का जमकर गुणगान किया। इनके भजनों ने सभी श्रद्धालुओं का अपने भजनों से मन मोह लिया। सभी भक्तजन नाचने को मजबूर हो गए। सभी ने भजनों का खूब आनंद लिया। प्रसिद्ध संगीतकार ध्रुव शर्मा की टीम ने गौड़ीय कीर्तन एवं महामंत्र कीर्तन से श्रद्धालुओं में जोश भर दिया। समूचा पंडाल श्री कृष्ण लीला में मंत्रमुग्ध रहा। इसके अलावा कई प्रकार का कार्यक्रम आयोजित किए गए। मंदिर के स्वंयसेवकों ने कृष्ण भजनों से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस आयोजन से साइबर सिटी कृष्णमय हो गई।

वृंदावन चंद्रोदय मंदिर और हरे कृष्ण मंदिर का वीडियो प्रदर्शन

इस मौके पर वीडियो के माध्यम से श्रद्धालुओं को वृंदावन चंद्रोदय मंदिर और हरे कृष्ण मंदिर गुरुग्राम के निर्माण कार्य को दिखाया गया। मथुरा के वृंदावन में दुनिया में अब तक का सबसे विशाल, भव्य और ऊंचा मंदिर बनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर का नाम वृंदावन चन्द्रोदय मंदिर है। इस मंदिर की नींव दुनिया की सबसे उंची इमारत बुर्ज खलीफा से भी तीन गुना गहरी होगी। भगवान कृष्ण की लीला भूमि पर बन रहे चन्द्रोदय मंदिर का पहला साउथ विंग बनकर तैयार हो गया है। इस मंदिर की कल्पना श्रील प्रभुपाद ने की थी, जब वह भारत यात्रा के दौरान वृन्दावन आये थे। मंदिर का पहला ब्लॉक बनकर तैयार हो चुका है। इसमें राधा-कृष्ण की मूर्ति भी स्थापित की जा चुकी हैं। 70 मंजिला मंदिर की ऊंचाई 210 मीटर होगी।

इसके बाद गुरुग्राम में बन रहे हरे कृष्ण मंदिर के बारे में बताया गया। गुरुग्राम के सेक्टर 43 में बन रहे श्री हरे कृष्ण मंदिर गुरुग्राम का सबसे ऊंचा मंदिर होगा। इसकी ऊंचाई 108 फीट होगा। मंदिर 50 हजार वर्ग गज में बन रहा है। इस मंदिर का निर्माण हरे कृष्ण मूवमेंट गुरुग्राम की ओर से किया जा रहा है। गुरुग्राम मंदिर केवल आध्यात्मिक स्थल नहीं बल्कि जरूरतमंद लोगों के लिए अन्नपूर्णा का भंडार भी साबित होगा। यहां प्रतिदिन हजारों लोग भोजन कर सकेंगे। यह मंदिर उत्तर भारतीय मंदिरों की शैली में परंपरागत और आधुनिक तरीके से बन रहा है। इसमें एक बड़ा हॉल होगा जहां जन्माष्टमी, राधाष्टमी, गोपाष्टमी, रामनवमी, नवरात्र कार्तिक उत्सव समेत पर्व त्योहारों के आयोजन यहां होंगे। इसमें वैदिक संस्कार हॉल भी होगा, जहां लोग अपने धार्मिक संस्कार कर सकेंगे। इसमें आध्यात्मिक अध्ययन का भी एक केंद्र भी होगा। विद्या दान हॉल में युवाओं के लिए मूल्य-आधारित शिक्षा,कार्यशाल,सेमिनार आदि होंगे।

इस मौके पर मंदिर के अध्यक्ष पूज्यपद श्री चंचलापति प्रभु जी द्वारा प्रवचन दिया गया। उन्होंने कहा कि सबके पीछे भगवान है। हम यह सोचते हैं कि सबकुछ ऐसे ही हो रहा है लेकिन इस सब के पीछे का मूल भगवान श्री कृष्ण ही हैं। उन्होंने कहा कि कृष्ण चेतना को जागृत रखने के लिए सबसे परम उपाय है, हरे कृष्ण महामंत्र-हरे कृष्ण-हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे, हरे राम-हरे राम,राम-राम हरे-हरे का जाप एवं कीर्तन करना। शास्त्र के अनुसार, इस महामंत्र का जाप करने से मनुष्यों में समस्त दैवी गुणों का उदय होता है। प्रवचन के बाद अतिथियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में भगवान का धूप, दीप, अर्घ्य, वस्त्र, पुष्प, चामरा व्यजन से भगवान की आरती की गई।

श्रीकृष्ण के साथ भक्तों ने किया जमकर नृत्य

कार्यक्रम के अंत में पालकी यात्रा निकाली गई,जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। भगवान भक्तों को आशीर्वाद देते रहे। यहां पूरा वातावरण श्रीकृष्ण की भक्ति में सराबोर रहा। महाउत्सव में शामिल होने को लेकर भक्तों में उत्साह नजर आया। पालकी यात्रा के दौरान लोग नृत्य करते हुए भगवान पर फूलों की वर्षा करते दिखे।


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